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चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद राहुल गांधी को वायनाड छोड़ने की नसीहत

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बीरेंद्र कुमार झा

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद अब हिंदी बेल्ट में कांग्रेस के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। इतना ही नहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेता ही अब वायनाड से सांसद राहुल गांधी को वायनाड की जगह उत्तर भारत से लड़ने की सलाह देने लगे हैं। वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से बीजेपी के स्मृति ईरानी के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। तब वायनाड से भी चुनाव लड़ने के कारण वे संसद बन पाए थे।

वायनाड से चुनाव लड़ने पर उठाए सवाल

विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल सीपीएम के वरिष्ठ नेता एमवी गोविंदन ने कांग्रेस के केरल में लड़ने के फैसले पर सवाल उठाए। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि कोई भी कॉमन सेंस वाला व्यक्ति समझ जाएगा कि राहुल को अगले चुनाव में वायनाड से नहीं लड़ना चाहिए। राहुल ने 2019 की चुनाव में वायनाड सीट से ही जीत हासिल की थी।सीपीआई नेता एमवी गोविंदन ने कहा कि केरल में कोई बीजेपी नहीं है। राहुल को बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहिए, एलडीएफ के खिलाफ नहीं।अगर कांग्रेस नेता एलडीएफ के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो इससे यह संदेश जाएगा कि कांग्रेस के मुख्य प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी नहीं बल्कि वाम दल है। राहुल को बीजेपी के गढ़ों में जाकर चुनाव लड़ना चाहिए।

कांग्रेस की स्थिति अब विपक्षी गठबंधन इंडिया को लीड करने की नही

सीपीएम नेता गोविंदन का कहना है कि बगैर मुस्लिम लीग के समर्थन के कांग्रेस केरल में अस्तित्व में ही नहीं रहती। उन्होंने कहा की मुस्लिम लीग के समर्थन के बिना क्या राहुल वायनाड से चुनाव लड़कर जीत सकते थे? कांग्रेस तो केरल में इंडिया गठबंधन के मोर्चे में शामिल सीपीआई के खिलाफ चुनाव लड़ती है, क्योंकि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में नहीं जीत सकती है। कांग्रेस का हिंदी राज्यों में प्रभाव नहीं है।चुनाव के नतीजे ने यह साबित कर दिया है कि कांग्रेस अब ऐसी स्थिति में आ गई है कि वह इंडिया फ्रंट की अगुवाई भी नहीं कर सकती।

कांग्रेस पर मढ़ दिया राजस्थान में हराने का आरोप

गोविंदान ने राजस्थान की सीटों पर सीपीएम की हार का ठीकरा भी कांग्रेस पर फोड़ ही दिया। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस इंडिया फ्रंट में भी एकता बनाने में असफल रही है ।राजस्थान में यह कांग्रेस ही थी जिसने भद्र विधानसभा क्षेत्र में सीपीएम की जीत की संभावनाओं पर पानी फेर दिया।

 

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