न्यूज़ डेस्क
सामने विधान सभा चुनाव को देखते हुए महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने वाली तमाम पार्टियां अपने मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरती दिख रही है। अब बंचित बहुजन अघाड़ी भी चुनाव में पार्टी की बेहतरी के लिए जनता के बीच आरक्षण बचाओ जान यात्रा के जरिये पहुँच रही है। प्रकाश आंबेडकर की यह यात्रा 25 जुलाई से शुरू होगी।
आंबेडकर ने पत्रकारों से बातचीत में मांग की कि आवेदन के बिना ही लोगों को दिए गए कुनबी जाति के प्रमाणपत्र रद्द किए जाएं और राजनीतिक दल आरक्षण के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करें।
उन्होंने यह भी दावा किया कि ‘‘सगे सोयारे’’ (रक्त संबंधी) अधिसूचना के क्रियान्वयन की मांग आरक्षण में ‘‘मिलावट’’ के समान है और अदालतों ने पहले भी इसके खिलाफ फैसले दिए हैं।
दरअसल, सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे सरकार की उस मसौदा अधिसूचना को लागू करने की मांग कर रहे हैं जिसमें कुनबी जाति के लोगों को मराठा समुदाय के सदस्यों के ‘‘सगे सोयारे’’ के रूप में मान्यता दी गयी है। उन्होंने मांग की है कि सभी मराठाओं को कुनबी जाति के प्रमाणपत्र दिए जाएं ताकि वे आरक्षण के लाभ पाने के पात्र हो जाएं।
कृषक समूह के रूप में पहचाने जाने वाले कुनबी अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी का हिस्सा हैं।कुछ ओबीसी कार्यकर्ताओं ने हाल में एक आंदोलन शुरू करते हुए मसौदा अधिसूचना को रद्द करने और यह आश्वासन दिए जाने की मांग की कि उनके आरक्षण को कम नहीं किया जाएगा।
आंबेडकर ने कहा कि ‘आरक्षण बचाओ जनयात्रा’ विभिन्न गांवों से गुजरेगी और यह मुंबई में उनके दादा डॉ. बी आर आंबेडकर के स्मारक ‘चैत्यभूमि’ और पुणे में समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के आवास पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद 25 जुलाई को शुरू होगी।’’
उन्होंने बताया, ‘‘यह यात्रा कोल्हापुर (26 जुलाई), सांगली, सोलापुर, धाराशिव, बीड, लातूर, नांदेड, यवतमाल, अमरावती, अकोला, बुलढाणा, वाशिम, जालना जिलों में जाएगी। यह सात या आठ अगस्त को छत्रपति संभाजीनगर में समाप्त होगी।’’
वीबीए प्रमुख ने कहा, ‘‘हम अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति छात्रों की छात्रवृत्ति दोगुनी करने, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) छात्रों को समान छात्रवृत्ति देने, एससी/एसटी और ओबीसी को नौकरियों में पदोन्नति देने की मांग को लेकर जागरूकता पैदा करेंगे। हम जनयात्रा के जरिए उन दलों पर भी दबाव बनाएंगे जिन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर कोई कदम नहीं उठाया है।’’