दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की याचिका पर हाई कोर्ट ने बुधवार (17 जुलाई) को फैसला सुरक्षित रख लिया।सीएम केजरीवाल ने सीबीआई की गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी है।इसी याचिका पर हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई।
सीएम केजरीवाल ने सीबीआई की गिरफ्तारी के मामले में हाई कोर्ट में जमानत याचिका भी लगाई है।उनकी इस याचिका पर 29 जुलाई को सुनवाई होगी।आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीएम केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अंतरिम जमानत के लिए भी अपील की,लेकिन कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया।
अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कोर्ट चाहे तो विस्तार से सुनवाई करके अपना पैसा सुरक्षित भी रख सकती है, लेकिन उससे पहले केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर उनको अंतरिम राहत दे दी जाए।
कोर्ट ने इस पर कहा कि पहले हम केजरीवाल की तरफ से गिरफ्तारी को दी गई चुनौती की याचिका पर फैसला करेंगे। कोर्ट ने कहा कि फैसला लिखवाने में मुझे 7 से 10 दिन का वक्त लग सकता है।
जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह दुर्भाग्य से रिहाई रोकने के लिए की गई गिरफ्तारी है।मेरे पास (ईडी के मामलों में) बहुत ही सख्त प्रावधानों में प्रभावी रिहाई के तीन आदेश हैं।ये आदेश दिखाते हैं कि व्यक्ति रिहाई के लिए अधिकृत है।उसे रिहा किया जाना चाहिए लेकिन उसकी रिहाई न हो यह सुनिश्चित करने के लिए उसे गिरफ्तार किया गया है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल आतंकवादी नहीं थे।⅝ उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी कानून के तहत नहीं हुई और मुख्यमंत्री जमानत के हकदार हैं।वहीं सीबीआई की ओर से पेश हुए अधिवक्ता डी.पी.सिंह ने केजरीवाल की याचिकाओं का विरोध किया।
दिल्ली आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था।इस मामले में निचली अदालत ने 20 जून को जमानत दे दी थी।
हालांकि, हाई कोर्ट ने अगले ही दिन उनकी रिहाई पर रोक लगा दी।इस बीच सीएम केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार कर लिया।इसके बाद अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अंतरिम जमानत दी। सीबीआई की गिरफ्तारी की वजह से उनकी रिहाई नहीं हो सकी