न्यूज़ डेस्क
बीजेपी की नजर केवल विपक्षी दलों पर ही नहीं होती। जो उनके धुर विरोधी होते हैं उसको तो बीजेपी नहीं ही छोड़ती ,बीजेपी अपनी सहयोगी पार्टी को बी ही निगलने से बाज नहीं आती। बीजेपी का यह खेल लम्बे समय से चला आ रहा है। आज बीजेपी की जो हालत में उसमे दूसरी पार्टियों से आये लोगों की संख्या ज्यादा है। कह सकते कि दूसरी पार्टियों से आये नेताओं से बीजेपी भरी हुई है।
अरुणाचल प्रदेश में अभी बीजेपी ने वही सब किया है जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। लोकसभा चुनाव 2024 और अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी में बिखराव शुरू हो गया है। बीजेपी ने खेल किया और कांग्रेस में सेंधमारी हो गई। कांग्रेस पार्टी के दो विधायक ओर नेशनल पीपुल्स पार्टी के दो विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। इस समय अरुणाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार है। वहीं एनपीपी अरुणाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी है।
कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग और वांगलिंग लोवांगडोंग और एनपीपी विधायक मुच्चू मिथी व गोकर बसर ने रविवार को ईटानगर कार्यालय में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। इस दौरान मुख्यमंत्री पेमा खांडू के अलावा असम के मंत्री और अरुणाचल प्रदेश के लिए भाजपा के चुनाव प्रभारी अशोक सिंघल और प्रदेश अध्यक्ष बियूराम वाहगे भी मौजूद थे।
अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में 60 सदस्य हैं। इसका चुनाव भी अप्रैल और मई में होने की संभावना है। चुनाव आयोग सूत्रों की माने तो लोकसभा चुनाव 2024 के साथ ही इस राज्य में भी चुनाव कराया जा सकता है। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी यहां अपनी ताकत बढ़ाने में लगी हुई है। मौजूदा विधानसभा में अब भाजपा विधायकों की संख्या 56 हो गई है। कांग्रेस के पास दो और दो ही निर्दलीय विधायक यहां विपक्ष में हैं।