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लालू की एक बेटी को जीत तो दूसरी को हार का सामना करना पड़ा

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न्यूज़ डेस्क 
इस बार बिहार में बहुत कुछ नया होता दिखा। यह बात और है कि एनडीए को बहुत सी सीटें मिली है लेकिन इंडिया ने एनडीए के बढ़ते कदम को रोक भी दिया है। बीजेपी  के दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। इनमें पीएम मोदी कैबिनेट के मंत्री आरके सिंह, पूर्व मंत्री रामकृपाल यादव, दो बार सांसद रहे सुशील सिंह, बक्सर से पहली बार भाग्य आजमा रहे मिथिलेश तिवारी, सासाराम से शिवेश कुमार शामिल हैं।  

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की दो बेटी चुनावी मैदान में थीं। इनमें से मीसा भारती को जीत मिली तो रोहिणी आचार्य को हार का सामना करना पड़ा। मीसा भारती ने भाजपा के रामकृपाल यादव को 85 हजार 174 वोटों से हराया। वहीं रोहिणी आचार्य को मात्र 13 हजार 661 वोट से भाजपा प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी से हार का सामना करना पड़ा।  बक्सर में राजद प्रत्याशी और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ने भी सबको चौंका दिया। उन्होंने भाजपा के मिथिलेश तिवारी को हराया।

बिहार की 40 सीटों पर चुनाव परिणाम आ गया। कई सीटों पर जनादेश ने चौंकाया है। इस बार बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का करिश्मा पूरी तरह चल नहीं पाया। 2019 एनडीए को 39 सीटें मिली थीं। इसबार 30 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। वहीं पिछली बार मात्र एक सीट लाने वाले महागठबंधन को जनता ने नौ सीटें जीता दीं। पूर्णिया सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी और कांग्रेस नेता पप्पू यादव को जीत मिली।  

उन्होंने एनडीए प्रत्याशी संतोष कुशवाहा को हराया। समीकरण की बात करें तो एनडीए और महागठबंधन ने कुल 18 सवर्ण, 16 यादव और 10 अतिपिछड़े समाज के प्रत्याशियों को टिकट दिया था। इनमें से 11 सवर्ण, छह यादव और पांच अतिपिछड़े समाज के प्रत्याशियों को जीत मिली। किशनगंज और कटिहार से मुस्लिम प्रत्याशी जीतकर संसद पहुंचे।  

वहीं जदयू  के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बाहुबली अशोक महतो की पत्नी और राजद प्रत्याशी कुमारी अनिता को 80 हजार 870 वोट से हरा दिया। चिराग पासवान और उनकी पार्टी ने फिर से सबको चौंका दिया। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) इस बार हाजीपुर, वैशाली, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रही थी। पांचों सीटों पर इनके प्रत्याशी भारी मतों से जीत गए। सौ प्रतिशत स्ट्राइक रेट लाकर चिराग ने सबसे चौंका दिया।     

वहीं सबसे चर्चित सीटों में से एक काराकाट से एनडीए प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा और निर्दलीय पवन सिंह की बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा था। पीएम मोदी समेत कई स्टार प्रचारक इस सीट पर कुशवाहा के वोट मांगने भी आए थे। लेकिन, जब परिणाम आया तो भाकपा (माले) के राजाराम सिंह ने नाम पर जीत की मुहर लगी। भाकपा माले ने एक और सीट पर जीत हासिल थी। माले प्रत्याशी सुदामा प्रसाद ने दो बार के सांसद आरके सिंह को हराया। वहीं गया सीट से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को जीत मिली।

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