बीरेंद्र कुमार झा
परिवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में छापामारी के दौरान कई महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज मिले हैं, जिसमें जेल के अधिकारी द्वारा फोन कर गवाहों को धमकाने का सीसीटीवी फुटेज भी शामिल है। उक्त जेल अधिकारी के कुख्यात अपराधियों और नक्सलियों के संपर्क में रहने के सबूत मिले हैं। ईडी ने 3 नवंबर को कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय कारा में छापा मारा था। ईडी को अपने अहम गवाहों को धमकी देने की जानकारी मिली थी। उन्हें गवाही देने से मना किया जा रहा था। साथ ही बात नहीं मानने पर परेशानी में पड़ने की बात कही जा रही थी। ईडी ने अपने गवाहों को धमकी देने की सूचना के बाद उन सभी फोन नंबरों को सर्वेलेंस पर रखा था ,जिन फोन नंबर से धमकी दी जा रही थी।जांच में सभी फोन नंबरों के लोकेशन बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के आसपास के टावर के मिले ।इस बात की पुष्टि होने के बाद ईडी ने कोर्ट से अनुमति लेकर बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में छापा मारा।और सीसीटीवी फुटेज की जांच की। इसमें एक सीसीटीवी में इस बात की सूचना मिली थी कि उसके अधिकारियों को झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश रची जा रही है ताकि जांच को प्रभावित किया जा सके।इसके अलावा उन मामलों को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही थी,जिसके आधार पर ईडी ने इसीआईआर दर्ज कर अवैध खनन, जमीन,मनरेगा घोटाला आदि मामलों में जांच कर रही है। इसके लिए जेल से पुलिस अधिकारियों से संपर्क स्थापित किया जा रहा था। इसका उद्देश्य संबंधित प्राथमिक में उन धाराओं को गलत साबित करना है, जो धाराएं पीएमएलए के दायरे में आती है ।प्रेम प्रकाश और उससे संबंधित कुछ अभियुक्तों द्वारा ऐसा करने का मकसद पीएमएलए कोर्ट में चल रहे हैं मामलों में कानूनी अड़चन पैदा करना है।
प्रेम प्रकाश के खिलाफ बंदियों की शिकायत को जेल प्रशासन ने छिपाया
जांच में पाया गया कि कैदियों द्वारा की गई शिकायतों का रिकॉर्ड गायब है। हालांकि बंदी रजिस्टर में कैदियों के द्वारा प्रेम प्रकाश चौहान के खिलाफ शिकायत करने का उल्लेख है ।शिकायत करने वाले कुछ कैदियों ने छापामारी के दौरान ईडी अधिकारियों को दिए गए बयान में इसका उल्लेख किया है।बिरसा मुंडा जेल प्रशासन से प्रेम प्रकाश के खिलाफ कैदियों ने गोपनीय शिकायत की थी।पत्थर खनन और भूमि घोटाला में ईडी के आरोपी प्रेम प्रकाश के निर्देश पर जेल प्रशासन ने इसकी सूचना कभी ईडी या संबंधित अधिकारी को नहीं दिया था।
नेताजी को खोज रही थी ईडी
ईडी की टीम ने रांची के होटवार बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में करीब 7 घंटे तक सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। इसमें ईडी के पदाधिकारी एक नेता जी के फोटो को तलाश रहे थे। ईडी की टीम 18 घंटे का सीसीटीवी फुटेज पेन ड्राइव में अपने साथ ले गई। यह नेताजी कौन है और इसकी ईडी को तलाश क्यों है। इसका खुलासा नहीं हुआ है। उक्त नेताजी जेल में बंद प्रेम प्रकाश से मिलने गए थे। सीसीटीवी फुटेज के दौरान जेल कर्मियों के मोबाइल जमा कर लिए थे। जब तक जांच चली जेल के अंदर के किसी भी जेलकर्मी को बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गई।
प्रेमप्रकाश एक प्रमोटी पुलिस अफसर से करता था बात।
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में ईडी के छापेमारी के बाद यह चर्चा आम है कि एक प्रमोटी पुलिस अफसर के साथ जेल में बंद प्रेम प्रकाश फेस टाइम एप से बातचीत करता था ।यह बातचीत ईडी के अधिकारी को फसाने के लिए की जा रही थी। साथ ही उसके जरिए ईडी के गवहीं को भी प्रभावित करने की कोशिश की जा रही थी।