न्यूज़ डेस्क
न्याय यात्रा इन दिनों गुजरात से गुजर रही है और इस यात्रा का समापन 17 मार्च को मुंबई के शिवजी पार्क में विशाल रैली के साथ हो जाएगी। इस रैली में इंडिया गठबंधन के महाआघाडी से जुड़े सभी दल शमिल होंगे। जानकारी यह भी मिल रही है कि कांग्रेस इस विशाल रैली के साथ ही चुनावी शंखनाद का अयलान करेगी और फिर सभी उम्मीदवार अपने -अपने इलाके में तैनात होकर जनता से मिलन शुरू कर देंगे। महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें है। ऐसे में इस बार इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच कड़ा मुकाबला है।
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 17 मार्च को मुंबई के शिवाजी पार्क में एक रैली के आयोजन के साथ समाप्त होगी। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि इस रैली में पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के लिये चुनावी बिगुल फूंकेगी।
पटोले ने कहा कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 12 मार्च को नंदुरबार से महाराष्ट्र में प्रवेश करेगी और इसकी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा,”न्याय यात्रा की समापन रैली 17 मार्च को मुंबई के शिवाजी पार्क में होगी।” उन्होंने यह भी बताया कि रैली के लिए पार्टी को सारी अनुमति मिल गई है।
पटोले ने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) के नेता भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाला एनसीपी समूह शामिल हैं।उन्होंने कहा, ”हम (कांग्रेस) यहां से आगामी लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी बिगुल फूकेंगे। यात्रा से पहले कांग्रेस नेताओं ने बृहस्पतिवार को पार्टी के राज्य प्रभारी रमेश चेन्निथला की मौजूदगी में समीक्षा बैठक की थी।
पटोले ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधते हुए कहा, ”बीजेपी अन्य दलों से नेताओं को चुरा रही है, क्योंकि उसके पास अपने स्वयं के सक्षम उम्मीदवार नहीं हैं।”
उन्होंने उम्मीदवारों की पहली सूची में नागपुर के रहने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को शामिल नहीं करने पर भी सत्तारूढ़ दल पर कटाक्ष किया।उन्होंने कहा, ”ऐसे राष्ट्रीय नेता का नाम बीजेपी की पहली सूची में होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस के पास नागपुर के लिए एक सक्षम उम्मीदवार है, इसलिए इस बार पार्टी यहां से जीतेगी।’’ उन्होंने यह भी कहा कि वे सांगली में भी उम्मीदवार उतारेंगे।
बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 23 सीट पर जीत हासिल की थी। वहीं, बीजेपी के बाद अविभाजित शिवसेना ने 18 सीट हासिल की थीं। जहां एनसीपी को चार सीट पर जीत मिली थी, वहीं कांग्रेस और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को एक-सीट पर विजय मिली थी और एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई थी।