भारत में इन दिनों परीक्षा और उससे जुड़ी धांधली के बीच चोली – दामन का संबंध ही गया है।शिक्षा माफिया की काली करतूतों के आगे प्रतिभा दम तोड दे रही हैऔर भारत में टेक्निकल ,मेडिकल से लेकर प्रोफेशनल पढ़ाई और विभिन्न विभागों की नौकरियों में नकारों की फौज खड़ी हो रही है ।इन नकारों के लिए देश भी कोई मायने नहीं रखता है,भ्रष्टाचार से बड़ी कमाई के लिए ये देश से भी गद्दारी करने से भी नहीं हिचकते हैं।।इस समय देश में नीट यूजी की परीक्षा का मामला पूरा गरमाया हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग न रोकने की कही बात
नीट परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं,जिनमें ग्रेस मार्क्स, री-एग्जाम और परीक्षा को रद्द किए जाने से संबंधित कई याचिकाएं दायर की गई थी।इन याचिकाओं पर 13 जून को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच में सुनवाई हुई।सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा में हुई गड़बड़ी मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि काउंसलिंग पर रोक नहीं लगाया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि काउंसलिंग की प्रक्रिया जारी रहेगी।कोर्ट का कहना है कि जब परीक्षा होती है तो सब कुछ समग्रता से होता है, इसलिए किसी को डरने की कोई जरूरत नहीं है।
एनटीए ने ग्रेस मार्क्स हटाने और पुनर्परीक्षा लेने की कही बात
एनटए ने कोर्ट में कहा कि वह ग्रेस मार्क्स हटा रहा है और जिन बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिया गया था, उनकी परीक्षा दोबारा ली जाएगी, जो परीक्षा नहीं देंगे उन्हें बिना ग्रेस वाला मार्क्स ही दिया जाएगा। एनटीए ने बताया कि 1563 बच्चों का स्कोर कार्ड रद्द कर दिया गया है, इन्हें दोबारा परीक्षा देने होगी।एनटीए दोबारा होने वाली परीक्षा का परिणाम 30 जून तक जारी करेगा।एनटीए ने कोर्ट में यह भी स्पष्ट किया कि वह सिर्फ उन्हीं की परीक्षा दोबारा लेगी जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिया गया है। एनटीए ने विवाद के बाद परीक्षा प्रणाली और पेपर चेकिंग के पूरे पैटर्न की जानकारी भी दी थी।
एनटीए द्वारा 4 जून को रिजल्ट जारी करने के साथ मचा था बवाल
गौरतलब है कि 4 जून को एनटीए ने नीट यूजी परीक्षा का रिजल्ट जारी किया था।परीक्षा परिणाम आने के बाद विवाद और बढ़ गया क्योंकि 67 बच्चों को कुल अंक 720 मिले थे।।ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि कई बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। ग्रेस मार्क्स दिए जाने की वजह से कई बच्चे जो मेरिट में थे उन्हें एम्स और अन्य प्रतिष्ठित काॅलेजों में दाखिला नहीं मिलने लगा। इसे लेकर कोचिंग देने वाली प्रमुख संस्था फिजक्सवाला ने भी पेपरलीक और ग्रेस मार्क्स के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।