न्यूज़ डेस्क
राजनीति बदल रही है तो किताब भी बदल रहे हैं और उसके पाठ्यक्रम भी बदल रहे हैं। और सबसे बड़ी बात कि देश का नाम भी बदल। विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम इंडिया गठबंधन क्या रखा कि संघ और बीजेपी की परेशानी बढ़ गई। अब बीजेपी वाले इंडिया गठबंधन को घमंडिया गठबंधन कहने लगे। लेकिन मामला इससे आगे का है। केंद्र सरकार अब भारत नाम को ही आगे बढ़ा रही है। इंडिया को पीछे छोड़ रही है। जब की संविधान में देश का नाम दर्ज है इंडिया दैट इज भारत। इंडिया बनाम भारत विवाद के बीच एनसीईआरटी पैनल ने बुधवार को एनसीईआरटी की किताबों में इंडिया की जगह भारत नाम बदलने की मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी समेत तमाम राजनीतिक पार्टियों के रिएक्शन आने शुरू हो गए हैं। कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “केंद्र की बीजेपी सरकार भारतीय ढांचे को बदलना चाहती है। हम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय प्रशासनिक सेवा क्यों कह रहे हैं? हमारे सभी पासपोर्ट में भारत गणराज्य लिखा है। यह सरकार कुछ गलत करना चाहती है।
कौन कह रहा है कि हम भारतीय नहीं हैं, हमें गर्व है कि हम इंडियंस हैं।”…वे भारतीयों के दिमाग को भ्रमित क्यों कर रहे हैं?… उन्होंने जो भी रुख अपनाया है वह पूरी तरह से जनविरोधी, भारत विरोधी और भारत विरोधी है। .. मैं आपको बता रहा हूं कि उन्हें (एनसीईआरटी) एनडीए सरकार द्वारा मजबूर किया गया है। यह पूरी तरह से गलत है… आप भारत का इतिहास नहीं बदल सकते… कर्नाटक वही जारी रहेगा जो पहले था…”
वहीं इंडिया शब्द बदलने के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी की नेता प्रियंका कक्कड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, ‘ “यह दर्शाता है कि पीएम मोदी को इंडिया गठबंधन से कितना डर है। नाम बदलने के बजाय बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया जाना चाहिए।”
इनके अलावा एनसीईआरटी की किताबों में शब्द परिवर्तन को लेकर कांग्रेस नेता अंबिका सोने ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ‘”संविधान में इंडिया दैट इज भारत लिखा है, दोनों नाम हैं।” खबर के अनुसार, कमेटी के प्रेसिडेंट सीआई इसाक ने पैनल पाठ्यक्रम की किताबों में इंडिया शब्द को बदलकर भारत करने की सिफारिश की थी। हालांकि, एनसीईआरटी के अफसरों ने कहा कि पैनल की सिफारिशों पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

