बीरेंद्र कुमार झा
राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ तेलंगाना समेत पांच राज्यों की विधानसभा चुनाव के लिए कभी भी बिगुल बज सकता है। चुनाव आयोग की टीम गुरुवार को तेलंगाना में चुनाव पूर्व समीक्षा के लिए पहुंची थी। इसके बाद अब दिल्ली में शुक्रवार को मीटिंग बुलाई गई है।इसमें सभी पांच राज्यों में चुनावी तैयारी की समीक्षा की जाएगी। माना जा रहा है कि मीटिंग के बाद चुनाव आयोग कभी भी चुनाव की अधिघोषणा जारी कर सकता है।
नवंबर – दिसंबर में चुनाव, चुनाव परिणाम दिसंबर के दूसरे सप्ताह में
आयोग ने पर्यवेक्षकों की शुक्रवार को मीटिंग बुलाई है। चुनाव आयोग की ओर से तारीखों के ऐलान के साथ ही अधिसूचना लागू हो जाएगी। राजस्थान, मिजोरम,मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनावी तैयारी का जायजा आयोग पहले ही ले चुका था।इसके बाद गुरुवार को आयोग की टीम हैदराबाद पहुंची थी और तेलंगाना में तैयारी को परखा था। नवंबर और दिसंबर में सभी पांच राज्यों में चुनाव होंगे और दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक इसका रिजल्ट आ सकता है। मिजोरम में विधानसभा का कार्यकाल 17 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में उससे पहले ही नतीजा का ऐलान किया जाएगा। राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की विधानसभा का कार्यकाल अगले साल जनवरी में अलग-अलग तारीखों पर समाप्त हो रहा है, लेकिन मिजोरम की विधानसभा की कार्यकाल की तारीख को देखते हुए चुनावी नतीजे पहले ही घोषित होंगे। 2018 में भी दिसंबर के दूसरे सप्ताह में ही पांचों राज्यों के चुनावी नतीजे आए थे।तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति की सरकार है, जबकि मध्य प्रदेश में बीजेपी सत्ता में है, मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट सत्ता पर काबिज है जबकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी सत्ता में है।
लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है विधानसभा का यह चुनाव
गौरतलब है कि 5 राज्यों में होनेवाले इस विधानसभा चुनाव को लोकसभा चुनाव के लिए सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। बिहार में हुई जातिगत जनगणना और विपक्ष की इंडिया गठबंधन के तौर पर एकजुट होने का जमीन पर कितना असर है,इसकी पुष्टि भी इन चुनाव से कुछ के नतीजे से हो जाएगी।इस चुनाव में कई नेताओं की साख भी दांव पर है, जो लंबे समय से राज्य में सरकार चला रहे हैं या अपनी पार्टियों का नेतृत्व कर रहे हैं। इन नेताओं में अशोक गहलोत, शिवराज सिंह चौहान,वसुंधरा राजे और के चंद्रशेखर राव शामिल हैं।