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10 दिसंबर को अमित शाह से हुई नीतीश की मुलाकात, 11 दिसंबर से बढ़ने लगी JDU और RJD की दूरियां, किसी कार्यक्रम में तेजस्वी नहीं दिखे साथ

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न्यूज डेस्क
इंडिया गठबंधन की दिल्ली में मंगलवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक पर जहां सत्ता और विपक्ष की नजर थी,वहीं देश के तमाम लोगों की नजर भी इस बैठक पर रही। यह बैठक कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद पहली बार हुई। इस बैठक का इंतजार विपक्षी एकता के सूत्रधार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने पांच राज्य विधानसभा चुनाव के बहाने इसे टाल रखा था। लेकिन, बात सिर्फ इतनी नहीं है। सितंबर-अक्टूबर और नवंबर-दिसंबर में बहुत कुछ बदला है। 23 जून को पटना में पहली बैठक के बाद अक्टूबर के पहले हफ्ते तक नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बीच जितनी गर्मजोशी भरी मुलाकातें हो रही थीं, वह इन दिनों नहीं दिखी।

गठबंधन की इस बैठक के दौरान लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच दूरियां साफ नजर आईं। लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच कोई बातचीत भी नहीं हुई। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई लालू और नीतीश के बीच दूरियां बढ़ गई हैं? ये सवाल केवल इसलिए नहीं उठ रहे कि इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान कोई बातचीत नहीं हुई, इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि इंडिया गठबंधन की शुरुआती तीन बैठकों में ये दोनों नेता साथ-साथ ही नजर आए हैं।गठबंधन की दूसरी बैठक बेंगलुरु और तीसरी बैठक मुंबई में हुई थी। इन दोनों ही बैठकों में शामिल होने के लिए नीतीश कुमार, लालू यादव और तेजस्वी यादव, तीनों नेता साथ-साथ पहुंचे और साथ-साथ ही वापस पटना लौटे भी। लेकिन दिल्ली की बैठक में ऐसा नहीं हुआ, लालू यादव और तेजस्वी यादव सोमवार की सुबह दिल्ली रवाना हुए तो वहीं नीतीश कुमार शाम की फ्लाइट से। पटना में हुई पहली बैठक से पहले नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव, दोनों ही नेताओं ने लखनऊ, कोलकाता, भुवनेश्वर, चेन्नई और दिल्ली तक के दौरे साथ-साथ किए, लेकिन हाल के दिनों में दूसरी तस्वीर नजर आई।

बिहार में इस महीने 10 दिसंबर को पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक हुई थी। गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई बैठक में बिहार के सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव जरूर साथ नजर आए थे, लेकिन इसके बाद कई ऐसे मौके आए जहां दोनों नेताओं को साथ होना चाहिए था लेकिन ऐसा हुआ नहीं। यानी अमित शाह से मुलाकात के बाद से जेडीयू और आरजेडी के बीच लगातार दूरियां बढ़ती गयी। आइए, नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ मौकों पर जब दोनों नेताओं को एक मंच पर नहीं देखा गया।

11 दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार कार्यक्रम में थे लेकिन तेजस्वी यादव इस जनता दरबार में शामिल नहीं हुए। वह भी तब, जब जनता दरबार में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े मामलों की भी सुनवाई होनी थी। स्वास्थ्य विभाग तेजस्वी यादव के पास ही है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 12 दिसंबर को पूर्वी चंपारण के केसरिया में पर्यटन विभाग के कार्यक्रम में शामिल हुए। पर्यटन विभाग तेजस्वी यादव के पास है लेकिन वह नीतीश के साथ इस मौके पर मौजूद नहीं थे। 12 दिसंबर को ही तेजस्वी यादव के बगैर ही नीतीश कुमार पटना के बिहटा में इंडस्ट्री विभाग से जुड़े कार्यक्रम में शामिल हुए।

13 दिसंबर को नीतीश कुमार सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में तेजस्वी यादव के बगैर ही पहुंचे और वहां पर्यटन विभाग से जुड़ी योजनाओं का शिलान्यास किया। 13 दिसंबर को ही शिवहर में भी पर्यटन विभाग की योजनाओं का नीतीश कुमार ने शिलान्यास किया। तेजस्वी यादव इस दौरान भी मौजूद नहीं थे। 14 दिसंबरः सीएम नीतीश ने पटना के ज्ञान भवन में आयोजित बिहार बिजनेस कनेक्ट का उद्घाटन किया। तेजस्वी यादव पटना में ही थे लेकिन इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।

15 दिसंब को नीतीश कुमार सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर राजकीय समारोह में शामिल हुए लेकिन तेजस्वी यादव ने इस कार्यक्रम से दूरी बना ली। 15 दिसंबर को ही नीतीश कुमार नवादा जिले में गंगा जलापूर्ति योजना का लोकार्पण करने पहुंचे लेकिन तेजस्वी यादव साथ नहीं गए।

16 दिसंबर को पीएमसीएच में नए भवन के निर्माण कार्य का नीतीश कुमार जायजा लेने पहुंचे। स्वास्थ्य विभाग तेजस्वी यादव के पास है लेकिन वह पटना में होने के बावजूद सीएम नीतीश कुमार के साथ नहीं गए। 16 दिसंबर को ही नीतीश कुमार ने डबल डेकर सड़क के निर्माण कार्य का जायजा लिया। पथ निर्माण विभाग भी तेजस्वी यादव के पास है। 18 दिसंब को नीतीश कुमार फिर से जनता दरबार कार्यक्रम में मौजूद थे। इस दौरान तेजस्वी यादव के पथ निर्माण विभाग से जुड़े मामलों की भी सुनवाई थी लेकिन वह कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे।

सितंबर से अक्टूबर के बीच लालू और नीतीश की लगातार मुलाकातों की खबर सामने आ रही थी। कभी नीतीश खुद लालू से मिलने पहुंच रहे थे तो कभी लालू मुख्यमंत्री आवास। लेकिन 10 दिसंबर के बाद यह गर्मजोशी नहीं दिखी। यानी कहा जा सकता है कि अमित शाह से मुलाकात के बाद दोनों दलों के बीच सब कुछ ठीक ठाक नही चल रहा है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री में दूरियां इतनी बढ़ गयी हैं कि सरकारी कार्यक्रम होने के बावजूद तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के साथ मंच साझा नहीं कर रहे हैं।

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