न्यूज़ डेस्क
मुंबई से पटना पहुँचते ही सीएम नीतीश कुमार मोदी सरकार पर हमलावर हो गए। मोदी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी मुंबई बैठक के बाद केंद्र सरकार काफी घबराहट में हैं। अब विपक्षी एकता से वे खतरा महसूस कर रहे हैं। लेकिन अभी तो हम सबने कुछ किया ही नहीं है। अब जब कुछ अभियान शुरू होगा तह पता चलेगा। केवल बोलने से और अखबार में छापते रहने से देश नहीं चलता। देश में बड़ी समस्या है। एक समस्या जाती है तो दूसरी आती रहती है। ये सरकार पहले भी चुनाव करा सकती है। परेशानी ज्यादा है। मीडिया वाले जो कहते रहते हैं उसी पर यह सरकार चलती है और सरकार के इशारे पर मीडिया वाले काम करते रहते हैं।
नीतीश कुमार के साथ मुंबई तेजस्वी भी गए थे। राजद प्रमुख लालू यादव भी गए थे। तेजस्वी ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ जरुरी नहीं है। इससे पहले ‘वन नेशन, वन इनकम’ करना चाहिए। पहले लोगों के साथ आर्थिक न्याय करें।देश की आर्थिक हालत ख़राब है। लोगों के पास रोजगार नहीं है और लोग पांच किलो अनाज पर जी रहे हैं ऐसे में लोगों को रोजगार और उनकी आमदनी बढ़ाने की जरूरत है। इसलिए इस देश में सबसे पहले वन नेशन वन इनकम की बात होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में मुंबई की बैठक को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इंडिया की बैठक बहुत अच्छी रही है। अब हम सब मिलकर लड़ेंगे। 5 तरह के कामों के लिए कमेटी बन गई है। केंद्र सरकार बहुत कुछ कर रही है, लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने की बात हो रही है। ये तो पहले भी होता था, ये बहुत अच्छा है। बहुत सी चीजें पहले होती थी, जनगणना भी हर 10 साल पर होती थी, लेकिन बीजेपी नहीं कराया, ये तो होना चाहिए था।
सीएम नीतीश ने कहा कि मुंबई में विपक्षी एकता गठबंधन की बैठक में इन सब मुद्दों पर भी बात हुई। मुझे पहले से ही शक है कि केंद्र सरकार पहले चुनाव करा देंगे। विपक्ष की एकता से ये खतरा महसूस कर रहे हैं। केंद्र सरकार बहुत घबराहट में है। नीतीश कुमार सरकार ने जातीय जनगणना का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर कहा कि जो चीज करना चाहिए था वो नहीं कर रहे। लेकिन दूसरा काम खूब कर रहे हैं। जहाँ उन्हें जाना चाहिए था वहां नहीं जा रहे हैं लेकिन बाते बड़ी बड़ी कर रहे हैं। यह सब प्रचार वाली सरकार है। काम कम और ज्यादा प्रचार। लेकिन अब यह सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं रह सकती। इस बार के चुनाव में बदलाव होगा। जो आये थे अब नहीं रहेंगे। वे हार जायेंगे।