विकास कुमार
निपाह वायरस के ताजा आउटब्रेक से केरल में हड़कंप मच गया है। केरल में निपाह वायरस के छठे मामले की पुष्टि हुई है। ताजा मामला कोझिकोड से सामने आया है,अब तक पता चले छह निपाह के मामलों में से दो मरीजों की मौत हो चुकी है। केरल में निपाह वायरस के आउटब्रेक से पड़ोसी राज्य भी अलर्ट हो गए हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि निपाह वायरस बांग्लादेश वेरिएंट के हैं।
वीना जॉर्ज ने कहा कि जिस वायरस की पुष्टि हुई है, वह बांग्लादेशी वेरिएंट है। यह मानव से मानव में फैलता है। इसमें मृत्यु दर अधिक है, लेकिन यह कम संक्रामक है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने ब्रेन को नुकसान पहुंचाने वाले वायरस के फैलने से रोकने के लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं। निपाह वायरस का बांग्लाेदेशी वेरिएंट ‘किलर’ है। इसके संक्रमण से मृत्यु की आशंका काफी बढ़ जाती है। बांग्लादेशी वैरिएंट की मृत्यु-दर 70 फीसदी है,खतरा इसलिए भी ज्यादा है कि मुफीद परिस्थितियों में निपाह वायरस महामारी का रूप ले सकता है।
कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने पब्लिक के लिए एडवाइजरी जारी की है। कर्नाटक की जनता को अभी केरल नहीं जाने की सलाह दी गई है। केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।.ऐसे में एहतियात के तौर पर सरकार ने 16 सितंबर तक कोझिकोड में स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया है।
निपाह वायरस एक नया वायरस है जो जानवरों के जरिए इंसानों में फैलता है। इसका सबसे पहला मामला मलेशिया में साल 1999 में पाया गया था। इसके बाद सिंगापुर और बांग्लादेश में भी इस वायरस के मामले दर्ज किए गए। ये वायरस चमगादड़ों और सूअर के जरिए इंसानों तक फैलता है। वहीं अगर इस वायरस से संक्रमित कोई चमगादड़ या सूअर किसी फल का सेवन करता है तो उस फल के जरिए भी निपाह वायरस का प्रसार इंसानों में हो सकता है। अगर किसी शख्स की निपाह वायरस की वजह से जान गई तो उस परिवार के दूसरे सदस्य भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में किसी भी निपाह संक्रमित व्यक्ति का अंतिम संस्कार करते समय जरूरत से ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है।