न्यूज़ डेस्क
बीजेपी के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने आखिर बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। साय राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और मध्यप्रदेश की राजनीति में उनकी अलग पहचान भी रही है। अब जब सामने मध्यप्रदेश में चुनाव होने हैं ऐसे में साय का इस्तीफा बीजेपी के लिए बड़ा धक्का माना जा रहा है।
साय ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को भेजे अपने इस्तीफे में पार्टी के गठन एवं उसके अस्तित्व में आने से लेकर अब तक विभिन्न महत्वपूर्ण पदों एवं उत्तरदायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करने का उल्लेख करते हुए इसके लिए पार्टी का आभार व्यक्त किया और आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों में बीजेपी में उनकी छवि धूमिल करने के लिए पार्टी के भीतर के राजनीतिक प्रतिद्धन्दियों द्वारा लगातार कोशिश की जा रही है।
उन्होने कहा है कि लगातार मिथ्या दुष्प्रचार एवं अन्य गतिविधियों द्वारा लगातार उनकी गरिमा को पहुंचाई जा रही ठेस से वह बहुत आहत महसूस कर रहे है।गहराई से विचार करने के बाद बीजेपी की अपनी प्राथमिक सदस्यता एवं अपने सभी पदों से वह इस्तीफा दे रहे है।
बता दें कि साय ने अपने अगले राजनीतिक कदम का इस पत्र में कोई उल्लेख नही किया है,पर उनके सत्तारूढ़ कांग्रेस का दामन थामने की राजनीतिक गलियारों में चर्चा है।साय की छवि एक साफ सुथरे नेता की रही है।एक समय वह बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में भी शुमार किए जाते थे।राज्य के गठन के बाद वह बीजेपी विधायक दल के पहले नेता और इस नाते विधानसभा में पहले नेता प्रतिपक्ष भी थे।


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