18 वीं लोकसभा चुनाव में जिस आधार पर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के अन्य घटक दल मिलकर 234 सीट जीतने में और बीजेपी को खुद के बहुमत से पीछे 240 सीटों पर रोकने में सफल रहे उसमें अग्निवीर का मुद्दा एक प्रमुख चुनावी मुद्दा था।लोकसभा चुनाव के बाद विभिन्न राज्यों में होने वाले लोक सभा चुनाव में भी कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के अन्य घटक दल इसे मुद्दा बनाकर फिर से अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है और यह प्रक्रिया अगर निरंतरता में बनी रही तो आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन बीजेपी के नेतृत्ववाली एनडीए गठबंधन को शिकस्त दे कर खुद सत्ता में भी आ सकता है।लेकिन इससे पहले कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ऐसा कर पाए, केंद्र की मोदी सरकार ने इस मुद्दा का पर कतरना शुरू कर दिया है।केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अग्निवीर मामले में बड़ा ऐलान किया है। इसके अनुसार अब पूर्व अग्निवीरों को सीआईएसएफ में 10 प्रतिशत आरक्षण और फिजिकल टेस्ट में छूट मिलेगी। साथ ही बीएसएफ में भी अग्निवीरों को ऐसी ही छूट मिलेगी। खबरों की मानें तो सीआईएसएफ ने इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। फैसले के आधार पर सीआईएसएफ जल्द ही भर्तियों के लिए इस नये नियम को लागू करेगी।
अग्निवीर मामले को लेकर बीएसएफ के डीजी नितिन अग्रवाल का बयान में बताया कि हम सैनिक तैयार कर रहे हैं, इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता है।बीएसएफ की भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को 10% आरक्षण दिया जायेगा।
सीआईएसएफ की महानिदेशक नीना सिंह ने इस फैसले को लेकर कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में पूर्व अग्निवीरों की भर्ती को लेकर बड़ा कदम उठाया है। इस मामले में सीआईएसएफ की ओर से भी सारे इंतजाम कर लिए गए हैं। कांस्टेबलों की 10% रिक्तियां पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित की जाएगी।उन्हें फिजिकल टेस्ट परीक्षा में छूट भी दी जाएगी।
गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अग्निपथ योजना की शुरुआत जून, 2022 में की थी।इसमें 17 से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को 4 साल के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान किया गया था। इनमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों के लिए सेना में बनाए रखने का प्रावधान है। सरकार ने बाद में ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाया और 23 वर्ष कर दिया।
कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की इस अग्निवीर योजना को लेकर लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वे सवाल उठा रहे हैं कि 4 साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 75 प्रतिशत अग्निवीरों का क्या होगा ? क्योंकि कुल भर्तियों में से केवल 25 प्रतिशत को ही सरकार सेना में बनाए रखेगी और वह भी 15 साल तक ही सेना में बने रहेंगे।