विकास कुमार
महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को आरक्षण देने का मामला इन दिनों काफी गर्म है। दरअसल मराठा आरक्षण कार्यकर्ता सुनील कावले का शव मुंबई के बांद्रा इलाके में एक फ्लाईओवर के किनारे मिला। उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग की गई थी। वहीं मनोज जारांगे पाटिल ने घोषणा की है कि अगर 24 अक्टूबर तक मराठा आरक्षण का एलान नहीं किया गया तो वे 25 अक्टूबर से अपनी भूख हड़ताल फिर से शुरू करेंगे। जारांगे ने विश्वास व्यक्त किया कि शांतिपूर्ण विरोध मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाएगा। जारांगे ने ऐलान किया कि मंत्री, विधायक, सांसद और प्रशासन के लोगों की बाड़ाबंदी की जाएगी।
वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि खुद को मराठा मानने वाले अजित पवार आरक्षण से क्यों भाग रहे हैं। उन्होंने सवाल भी पूछा है कि आरक्षण के लिए कितने लोगों की बलि दी जाएगी। राउत ने कहा कि सरकार आरक्षण से भाग रही है। खुद को मराठा मानने वाले अजित पवार आरक्षण से क्यों भाग रहे हैं? आरक्षण के लिए कितने लोगों की बलि दी जाएगी। अगर चौथी आत्महत्या होती है तो मुख्यमंत्री के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करें। सरकार की ओर से झूठे विज्ञापन चलाए जा रहे हैं। सरकार में कुछ लोग अलग रुख अपना रहे हैं। भुजबल लोगों को भड़का रहे हैं। शिंदे गुट के कुछ लोग कहते हैं कि हम कुनबी नहीं हैं, हमें कुनबी में आरक्षण नहीं चाहिए, लेकिन यह भ्रामक है। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अब तक तीन आत्महत्या हो चुकी हैं।
मराठा आरक्षण की मांग पर अगर शिंदे सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो 25 अक्टूबर से मनोज जारांगे पाटिल अपनी भूख हड़ताल फिर से शुरू करेंगे। वहीं इसका बड़ा सियासी नुकसान भी शिंदे और बीजेपी को उठाना पड़ेगा।