न्यूज़ डेस्क
रूस के राष्ट्रपति और भारत का सच्चा दोस्त ब्लादिमीर पुतिन हालांकि जी 20 की बैठक में दिल्ली नहीं आ आये थे लेकिन रूस से ही भारत और भारत की नीति की प्रशंसा की है। पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी की भी प्रशंसा की है और कहा है कि भारत अभी जो भी कर रहा है उससे वे काफी खुश हैं। पुतिन ने कहा, ‘मेरा मानना है कि हमें अपने भागीदार अर्थात् भारत से सीखना चाहिए। हम यहां भारत में निर्मित कारों और जहाजों के इस्तेमाल पर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी लोगों को मेड इन इंडिया के लिए प्रोत्साहित करके सही काम कर रहे हैं’। बता दें कि 8वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में शामिल हुए रूसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें हमारे कई साझेदारों की तरह काम करना चाहिए, जैसे कि भारत। पुतिन ने पीएम मोदी मोदी की तरफ से दिए गए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर के प्रस्ताव पर भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
कल व्लादिवोस्तोक में एक कार्यक्रम में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्वदेशी ऑटोमोबाइल का इस्तेमाल करने की बात पर जोर दिया। 8वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में शामिल हुए रूसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘तब हमारे पास घरेलू स्तर पर तैयार कारें नहीं थी, लेकिन अब हैं। यह सच है कि वह मर्सिडीज या ऑडी कारों की तुलना में सामान्य नजर आती हैं, जिन्हें हमने 90 के दशक में बड़ी संख्या में खरीदा था, लेकिन अब यह मुद्दा नहीं है। मुझे लगता है कि हमें हमारे कई साझेदारों की तरह काम करना चाहिए, जैसे कि भारत। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेक इन इंडिया प्रोग्राम का प्रचार कर सही काम कर रहे हैं। वह सही हैं।’
उल्लेखनीय है कि पुतिन बीते दिल्ली में जी -20 शिखर सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए थे, लेकिन उस दौरान हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से दिए गए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर के प्रस्ताव पर पुतिन ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। पुतिन की मानें तो रूस को प्रभावित करने जैसा इस कॉरिडोर में कुछ नहीं है, बल्कि यह रूस के लिए फायदे वाला होगा। रूसी राष्ट्रपति ने कहा, इस कॉरिडोर को लेकर लंबे समय से चर्चाएं जारी थीं। मुझे लगता है कि यह हमें लॉजिस्टिक्स का विकास करने में मददगार होगा’।
दरअसल, शनिवार को ही भारत, अमेरिका, सऊदी अरब और यूरोपीय संघ ने समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत एक बड़ा शिपिंग और रेलवे कॉरिडोर तैयार किया जाएगा। अब इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए पुतिन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका एक नए आर्थिक गलियारे के निर्माण पर यूरोपीय संघ, सऊदी अरब और भारत के साथ सहमत हो गया है, यह अच्छी बात है।
रुसी राष्ट्रपति के इस बयान से भारत भी काफी खुश है उधर दिल्ली घोषणा पत्र जारी करते हुए जिस तरह से रूस को लेकर भारत ने अपनी कूटनीति खेल को अंजाम दिया और सभी देशों को सहमत किया उससे भी रूस काफी खुश है। पहले रूस को लग रहा था कि पुतिन के दिल्ली नहीं पहुँचने पर अमेरिका समेत कई देश रूस के खिलाफ खड़े हो सकते हैं और घोषणा पत्र पर सहमत नहीं होंगे। लेकिन भारत इसमें सफल रहा।


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