बीरेंद्र कुमार झा
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही है।आयकर विभाग की टीम ने बुधवार को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के उनके ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। आयकर विभाग की टीम बुधवार सुबह ही आजम खान के विभिन्न ठिकानों पर पहुंच गई बताया जा रहा है कि यह छापेमारी आजम खान से संबंधित अल जौहर ट्रस्ट को लेकर हुई है।आयकर विभाग ने रामपुर, मेरठ ,गाजियाबाद, सहारनपुर, सीतापुर और लखनऊ में छापामारी की है।राजधानी में पुराने लखनऊ में आजम खान से जुड़े लोगों के ठिकानों पर आयकर विभाग के अधिकारी पहुंचे और जांच पड़ताल की।
जांच के समय आवास पर थे आजम खां
प्राप्त जानकारी के अनुसार छापेमारी के वक्त समाजवादी पार्टी नेता आज़म खान अपने रामपुर स्थित आवास पर मिले। इनकम टैक्स की टीम उनसे और परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ कर रही है।बताया जा रहा है की इनकम टैक्स की टीम जौहर ट्रस्ट से जुड़े विभिन्न दस्तावेज खंगाल रही है। इनकम टैक्स के मामले से जुड़ी कई शिकायत है सामने आने के बाद यह कार्रवाई की जा रही है।
कहां जा रहा है की इनकम टैक्स की टीम को गड़बड़ी के सबूत मिले थे ।इसके बाद योजना के तहत एक साथ तीन राज्यों में छापेमारी की जा रही है। आजम खान के ट्रस्ट से जुड़े लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।इनकम टैक्स की छापेमारी की जानकारी मिलते ही आजम खान के समर्थक उनके घर के पास पहुंचने लगे। उन्होंने आजम खान को बेवजह परेशान करने का आरोप लगाया है।हालांकि इनकम टैक्स की तरफ से इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
अल जोहर ट्रस्ट द्वारा संचालित रामपुर पब्लिक स्कूल भी रहा है विवादों में
इससे पहले आजम खान के जौहर ट्रस्ट की तरफ से संचालित रामपुर पब्लिक स्कूल भी विवादों में आ चुका है।स्कूल की मान्यता को लेकर चार्ज सीट दाखिल की जा चुकी है। फर्जी दस्तावेज के आधार पर मान्यता हासिल करने की आरोप में पुलिस ने 1888 पन्नों की चार्ज सीट एमपी /एमएलए कोर्ट में दाखिल की है। इसमें आजम खान सहित उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और एक क्लर्क तौफिक अहमद को आरोपी बनाया गया है।
नगर शिक्षा अधिकारी ने 2920 में दर्ज कराया था एफआईआर
रामपुर शहर कोतवाली में जिलाधिकारी के आदेश पर वर्ष 2020 में तत्कालीन नगर शिक्षा अधिकारी प्रेम सिंह राणा ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें आजम खान और उनकी पत्नी तंजीम फातिमा सहित बेसिक शिक्षा विभाग में क्लर्क तौफीक अहमद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
फर्जीवाड़ा का लगा था आरोप
इसमें आरोप लगाया गया की रामपुर पब्लिक स्कूल को फायर की मान्यता दी गई थी। इसमें नियमों को ताक पर रखते हुए बड़ा फर्जीवाडा किया गया थाl दरअसल अखिलेश यादव सरकार में तत्कालीन मंत्री आजम खान ने शहर में बच्चों के लिए तीन रामपुर पब्लिक स्कूल खोले थे। इसकी मान्यता 2016 में बेसिक शिक्षा विभाग के जरिए कराई गई थी। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के आने के बाद जांच पड़ताल में रामपुर पब्लिक स्कूल की मान्यता में फर्जीवाड़ा की बात सामने आई इसके आधार पर एफआईआर दर्ज कराई गई।
पुलिस ने इस मामले में पहला चार्जसीट 2021 में दाखिल की थी और दूसरा चार्जसीट अब दाखिल किया है। 1088 पेज की चार्ज सीट को तथ्यों के साथ कोर्ट में पेश किया गया। इसके साथ ही 200 पेज की सीडी भी तैयार की गई ,जिसमें पूरे केस का विवरण दिया गया है।