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जानिए दिल्ली में आयोजित आदि महोत्सव में पीएम मोदी ने क्या कहा ?

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न्यूज़ डेस्क
दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आज आदि महोत्सव का रंगारंग कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में कई मंत्री भी शामिल हुए। देश के हर इलाके से बड़ी संख्या में आदिवासी पहुंचे और अपनी कला का प्रदर्शन भी किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने आदिवासी समाज को कई सन्देश भी दिए।

पीएम मोदी ने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव में आदि महोत्सव देश की आदि विरासत की भव्य प्रस्तुति कर रहा है। अभी मुझे मौका मिला देश की आदिवासी परंपरा की इस गौरवशाली झांकी को देखने का। तरह-तरह के रस, तरह-तरह के रंग! इतनी खूबसूरत पोशाकें, इतनी गौरवमयी परम्पराएँ! भिन्न-भिन्न कलाएं, भिन्न-भिन्न कलाकृतियाँ! भांति-भांति के स्वाद, तरह-तरह का संगीत, ऐसा लग रहा है जैसे भारत की अनेकता, उसकी भव्यता, कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ खड़ी हो गई है।

उन्होंने कहा कि ये भारत के उस अनंत आकाश की तरह है, जिसमें उसकी विविधताएँ इंद्रधनुष के रंगों की तरह उभर करके सामने आ जाती हैं। और इंद्रधनुष की एक और विशेषता भी है। ये अलग-अलग रंग जब एक साथ मिलते हैं, तो प्रकाश पुंज बनता है जो विश्व को दृष्टि भी देता है, और दिशा भी देता है। ये अनंत विविधताएं जब ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के सूत्र में पिरोतीं हैं, तब भारत का भव्य स्वरूप दुनिया के सामने आता है। तब, भारत अपने सांस्कृतिक प्रकाश से विश्व का मार्गदर्शन करता है।

मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का भारत, सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर चल रहा है। जिसे पहले दूर-सुदूर समझा जाता था, अब सरकार दिल्ली से चलकर उसके पास जाती है। जो पहले खुद को दूर-सुदूर समझता था, अब सरकार उसे मुख्यधारा में ला रही है। बीते 8-9 वर्षों में आदिवासी समाज से जुड़े आदि महोत्सव जैसे कार्यक्रम देश के लिए एक अभियान बन गए हैं। कितने ही कार्यक्रमों का मैं खुद भी हिस्सा बनता हूँ। ऐसा इसलिए, क्योंकि आदिवासी समाज का हित मेरे लिए व्यक्तिगत रिश्तों और भावनाओं का विषय भी है। जब मैं राजनीतिक जीवन में नहीं था, एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप, संगठन के कार्यकर्ता के रूप में काम करता था, तो मुझे अनेकों राज्‍यों में और उसमें भी हमारे जनजातीय समूह के बीच जाने का अवसर मिलता था।

पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत पूरी दुनिया के बड़े-बड़े मंचों पर जाता है तो आदिवासी परंपरा को अपनी विरासत और गौरव के रूप में प्रस्तुत करता है। आज भारत विश्व को ये बताता है कि क्लाइमेट चेंज, ग्‍लोबल वार्मिंग, ऐसे जो ग्लोबल चैलेंजेज़ हैं ना, अगर उसका समाधान आपको चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत के पारंपरिक, और ख़ासकर जनजातीय समाज द्वारा बनाए जाने वाले प्रॉडक्ट्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है। आज पूर्वोत्तर के प्रॉडक्ट्स विदेशों तक में एक्सपोर्ट हो रहे हैं। आज बैम्बू से बने उत्पादों की लोकप्रियता में तेजी से वृद्धि हो रही है। आपको याद होगा, पहले की सरकार के समय बैम्बू को काटने और उसके इस्तेमाल पर कानूनी प्रतिबंध लगे हुये थे। हम बैंम्बू को घास की कैटेगरी में ले आए और उस पर सारे जो प्रतिबंध लगे थे, उसको हमने हटा दिया। इससे बैम्बू प्रॉडक्ट्स अब एक बड़ी इंडस्ट्री का हिस्सा बन रहे हैं। ट्राइबल प्रॉडक्ट्स ज्यादा से ज्यादा बाज़ार तक आयें, इनकी पहचान बढ़े, इनकी डिमांड बढ़े, सरकार इस दिशा में भी लगातार काम कर रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं 20 साल पहले गुजरात का मुख्यमंत्री बना था, तो मैंने वहां एक बात नोट की थी। वहां आदिवासी बेल्ट में जो भी स्कूल थे, इतना बड़ा आदिवासी समुदाय था, लेकिन पिछली सरकारों को आदिवासी क्षेत्रों में साइंस स्ट्रीम के स्‍कूल बनाने में प्राथमिकता नहीं थी। अब सोचिए, जब आदिवासी बच्चा साइंस ही नहीं पढ़ेगा तो डॉक्टर-इंजीनियर कैसे बनता? इस चुनौती का समाधान हमने उस पूरे बैल्‍ट में आदिवासी क्षेत्र के स्कूलों में साइंस की पढ़ाई का इंतजाम करके किया। आदिवासी बच्चे, देश के किसी भी कोने में हों, उनकी शिक्षा, उनका भविष्य ये मेरी प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि आज देश में एकलव्य मॉडल अवासीय विद्यालयों की संख्या में 5 गुना की वृद्धि हुई है। 2004 से 2014 के बीच 10 वर्षों में केवल 90 एकलव्य आवासीय स्कूल खुले थे। लेकिन, 2014 से 2022 तक इन 8 वर्षों में 500 से ज्यादा एकलव्य स्कूल स्वीकृत हुये हैं। वर्तमान में, इनमें 400 से ज्यादा स्कूलों में पढ़ाई शुरू भी हो चुकी है। 1 लाख से ज्यादा जन-जातीय छात्र-छात्राएँ इन नए स्कूलों में पढ़ाई भी करने लगे हैं। इस साल के बजट में ऐसे स्कूलों में करीब-करीब 40 हजार से भी ज्यादा शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती की भी घोषणा की गई है। अनुसूचित जनजाति के युवाओं को मिलने वाली स्कॉलरशिप में भी दो गुने से ज्यादा की बढ़ोतरी की गई है। इसका लाभ 30 लाख विद्यार्थियों को मिल रहा है।

मोदी ने कहा कि देश जब आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को अपनी प्राथमिकता देता है, तो प्रगति के रास्ते अपने आप खुल जाते हैं। हमारी सरकार वंचितों को वरीयता, यही मंत्र को लेकर देश विकास के लिए नए आयाम छू रहा है। सरकार जिन आकांक्षी जिलों, आकांक्षी ब्लॉक्स को विकसित करने का अभियान चला रही है, उसमें ज्यादातर आदिवासी बाहुल्य इलाके हैं।

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