अखिलेश अखिल
बहुत ही कम लोगों को पता है कि प्रखर समाजवादी नेता केसी त्यागी का पूरा नाम क्या है ? किसी ने यह सब जानने की कोशिश भी नहीं की। सभी उनको केसी त्यागी के नाम से ही जानते हैं। लेकिन उनका पूरा नाम किशनचंद त्यागी हैं। समाजवाद को धारण किये त्यागी लम्बे समय से नीतीश कुमार के साथ राजनीति करते रहे। जदयू के दिल्ली के चेहरा के रूप में जाने जाते रहे। पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया। संसद तक पहुंचे। पार्टी के महसचिव रहे और सबसे बड़ी बात कि नीतीश कुमार के ख़ास भी रहे। लेकिन जदयू की राजनीति जब बदली तो पिछले मार्च महीने में उन्हें महासचिव के पद से हटा दिया गया। पार्टी भी मौन रही और त्यागी भी चुप ही रहे। कुछ पत्रकारों ने जब उन्हें कुरेदा तो उन्होंने यही कहा कि वे खुद अब पार्टी के किसी जिम्मेदार पद पर काम नहीं करना चाहते। हमने खुद पार्टी से आग्रह किया था कि हमें फ्री किया जाये। लेकिन सच यही नहीं था। लेकिन त्यागी जी एक शानदार नेता हैं इसलिए इन शब्दों से ज्यादा वे कुछ कह भी नहीं सकते थे।
खैर ,असली कहानी तो यह है कि केसी त्यागी की शानदार तरीके से जदयू में फिर से वापसी हुई है। इज्जत के साथ। उन्हें पार्टी का विशेष सलाहकार बनाया गया है और मुख्यधारा में बने रहने के लिए प्रमुख प्रवक्ता भी घोषित किया गया है। पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह ने इस बावत लेटर भी जारी कर दिया है। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार काफी समय से त्यागी के बिना अधूरा महसूस कर रहे थे। फिर दिल्ली में पार्टी का कोई बड़ा चेहरा भी नहीं रह गया था। लेकिन जानकार मान रहे हैं कि त्यागी की नियुक्ति इसलिए की गई है ताकि नीतीश कुमार जिस विपक्षी एकता के अभियान में लगे हुए हैं ,उस अभियान में त्यागी बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं।
केसी त्यागी पिछले करीब दो दशकों से जदयू का राष्ट्रीय चेहरा थे। दिल्ली में किसी भी बात पर किसी तरह की चर्चा के लिए वह उपलब्ध रहते थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए एक तरह से दिल्ली का सारा सिस्टम उनके आसपास ही रहता था। लेकिन, मार्च में जब राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की सूची जारी की तो त्यागी का नाम ही गायब था। सूची पर सवाल उठे तो त्यागी ने खुद कहा कि उन्हें अब सक्रिय रूप से पार्टी में कोई जिम्मेदारी नहीं चाहिए और इसपर उन्होंने खुद ही अपील की थी। लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राष्ट्रीय राजनीति में सक्रियता को देखते हुए त्यागी को वापस लाना पार्टी के लिए एक तरह से जरूरी हो गया था। जितने चुपचाप तरीके से उन्हें पार्टी ने मुख्य धारा से हटाया था, उसके उलट उतना ही प्रचारित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने उन्हें वापस कुर्सी दी। न केवल दी, बल्कि बढ़ाकर दी।
केसी त्यागी की फिर हुई जदयू में शानदार वापसी ,मिली विशेष सलाहकार और मुख्य प्रवक्ता की जिम्मेदारी
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