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मनी लॉन्ड्रिंग केस से परेशान रहे कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी रहत मिली है। अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज मामले को रद्द कर दिया है। यह केस 2018 में दर्ज किया गया था।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने इस मामले में कांग्रेस नेता को 2019 में गिरफ्तार किया था। इसके अगले महीने दिल्ली उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी। मालूम हो इसके बाद डीके शिवकुमार ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध है और उन्हें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है।
प्रवर्तन निदेशालय 2017 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से कांग्रेस नेता के घर और सहयोगी के ठिकानों पर मारी गई छापेमारी के आधार पर जांच शुरू की थी। अधिकारियों ने तब कहा था कि इन रेड में करीब 300 करोड़ रुपये कैश की बरामदगी हुई थी। डिप्टी सीएम शिवकुमार ने पलटवार करते हुए कहा था कि कैश का संबंध भाजपा से है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा, ”इस सवाल पर कि क्या 120बी आईपीसी एक स्वतंत्र अपराध बन सकता है, जिससे ईडी पीएमएलए लागू कर सके, इस पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही फैसला कर चुकी है।”