बीरेंद्र कुमार झा
हरियाणा के जींद ज़िले के एक सरकारी स्कूल में माहौल अभी भी तनाव भरा है और छात्राओं के चेहरे सहमे दिख रहे हैं।दरअसल करीब दो माह पहले ज़िले के एक गांव के सरकारी स्कूल में करीब 60 स्कूली छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था।इस संबंध में प्रधानमंत्री, महिला आयोग समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा गया था।स्कूल के प्रिसिंपल पर ही छात्राओं के साथ यौन शोषण का आरोप है।इस मामले में कार्रवाई करते हुए पिछले हफ्ते प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ जारी है।लेकिन लड़कियों में अब भी डर का माहौल है. जींद मुख्यालय से बाल कल्याण समिति के चार सदस्य बच्चों को पोक्सो एक्ट और चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर के बारे में बताने आए हैं ताकि छात्राएं पुरानी घटना को लेकर अवसादग्रस्त न हो।जिस स्कूल में यह घटना हुई वह लड़कियों का स्कूल है, जहां गांव-कस्बों से लड़कियां पढ़ने आती हैं।
इस स्कूल में शिक्षक और गैर-शिक्षक कर्मचारियों की संख्या 40 है, जिनमें से लगभग आधी महिला शिक्षक हैं और महिला छात्रों की संख्या 1200 से अधिक बताई जाती है।फिलहाल स्कूल का माहौल ऐसा है कि छात्राओं को किसी से बात करने की इजाज़त नहीं है।
प्रधानमंत्री सहित कई लोगों को लिखा गुमनाम पत्र
31 अगस्त को देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, केंद्रीय महिला आयोग, हरियाणा महिला आयोग और हरियाणा के शिक्षा मंत्री को पांच पन्नों का एक गुमनाम पत्र भेजा गया था,इसमें छात्राओं ने शिकायत की थी कि उन्हें यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।पत्र में कहा गया है कि स्कूल के प्रिंसिपल छात्राओं को काले शीशे वाले केबिन में बुलाते हैं और उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं।पत्र में आपत्तिजनक तरीके से छूने का भी जिक्र है और दावा किया गया है कि ऐसा करते समय प्रिंसिपल ने छात्राओं को धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी को बताया तो उन्हें प्रैक्टिकल और परीक्षा में फेल कर दिया जाएगा।
काले शीशे वाला केबिन
पत्र में लिखा है कि काले शीशे वाले इस केबिन में बाहर से कुछ भी दिखाई नहीं देता, जबकि अंदर से बाहर का दृश्य दिखाई देता है।पत्र में छात्राओं के ही हवाले से कहा गया था कि अधिकारी स्कूल के बाहर आकर छात्राओं से बात करेंगे तो वे उन्हें प्रिंसिपल की सारी हरकतें बता देंगी।
पत्र में एक महिला शिक्षक का भी जिक्र है, जिसका तबादला कर दिया गया है।पत्र में आरोप लगाया गया है कि वो प्रिंसिपल के निर्देश पर छात्राओं को काले शीशे वाले केबिन में भेजती थी।हालांकि इस घटना के सामने आने के बाद काले शीशे वाले केबिन को हटा दिया गया है।
प्रिंसिपल गिरफ्तार, लगीं धाराएं
पत्र मिलने के बाद 14 सितंबर को महिला आयोग ने हरियाणा पुलिस को इस संबंध में कार्रवाई करने को कहा।
आरोप है कि पुलिस ने मामले में देरी की और एक महीने बाद जाकर प्रिंसिपल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.इस मामले में पिछले हफ्ते ही प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया गया है।जींद पुलिस ने बताया कि प्रिंसिपल के खिलाफ धारा 354 (यौन उत्पीड़न), 341, 342 आईपीसी और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पीड़ित बच्चियां काफी डरी हुई हैं’
बाल कल्याण टीम के साथ पहुंची जींद की जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुजाता ने बताया कि पीड़ित और अन्य छात्राएं सदमे में हैं।उन्होंने कहा कि लड़कियां अभी खुलकर बात करने में झिझक महसूस कर रही हैं और उनके माता-पिता भी फिलहाल बात नहीं कर रहे हैं।सुजाता के मुताबिक, उनसे बात करने और उन्हें समझाने की कोशिश की जा रही है ताकि वे सहज हो सकें और फिलहाल पीड़ित लड़कियों की संख्या साठ से भी ज्यादा हो सकती है।बाल कल्याण समिति की काउंसलर ममता शर्मा का कहना है कि छात्राएं काफी डरी हुई हैं और उनके मन में कहने को बहुत कुछ है लेकिन माहौल उनके खिलाफ हो गया ह।ममता शर्मा का कहना है कि इस घटना का लड़कियों के मन पर गहरा असर पड़ा है और भविष्य में कुछ नई बातें भी सामने आ सकती हैं।पुलिस ने अभियुक्त का मोबाइल फोन और अन्य सिम कार्ड भी जब्त कर लिया है।