न्यूज़ डेस्क
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में ‘इंडिया’ गठबंधन ‘‘स्पष्ट एवं निर्णायक जनादेश’’ हासिल करेगा और नतीजों के 48 घंटे के भीतर प्रधानमंत्री का चयन कर लिया जाएगा।
लोकसभा चुनाव के सातवें एवं अंतिम चरण के मतदान से पहले, प्रचार के आखिरी दिन रमेश ने कहा कि विपक्षी गठबंधन में जिस पार्टी को सबसे अधिक सीट मिलेंगी, वही पार्टी अगली सरकार के नेतृत्व के लिए ‘स्वाभाविक दावेदार’ होगी।
उनका यह भी कहना था कि ‘इंडिया जनबंधन’ के घटक दलों को जनादेश मिलने के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के कुछ घटक भी इस गठबंधन में शामिल हो सकते हैं, हालांकि कांग्रेस आलाकमान को यह तय करना होगा कि उन्हें गठबंधन में शामिल किया जाए या नहीं। रमेश ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन स्थिर, पारदर्शी और जिम्मेदार सरकार देने को प्रतिबद्ध है।
यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव के बाद जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार और तेलुगू देसम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू जैसे बीजेपी के सहयोगियों के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन के दरवाजे खुले रहेंगे, कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार पलटी के उस्ताद हैं। चंद्रबाबू नायडू 2019 में कांग्रेस के साथ थे। मैं बस इतना ही कहूंगा कि जब ‘इंडिया जनबंधन’ के घटक दलों को जनादेश मिलेगा, तो ‘इंडिया’ में एनडीए के कुछ घटक भी शामिल हो सकते हैं।’’
इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘ कांग्रेस आलाकमान खड़गे, सोनिया और राहुल गांधी को फैसला करना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इंडिया गठबंधन और एनडीए में सिर्फ दो शब्दों का फर्क है। ‘इंडिया’ से दो ‘आई’ निकाल देने पर एनडीए बचेगा। इन दो आई का मतलब ‘इंसानियत’ और ‘ईमानदारी’ है। जिन पार्टियों में इंसानियत और ईमानदारी है वो इंडिया गठबंधन में शामिल हैं।’’
उन्होंने कहा कि लोगों से जनादेश मिलने के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार ‘अधिनायकवादी’ नहीं, बल्कि ‘शासनवादी’ होगी।लोकसभा चुनाव के छह चरणों के मतदान के बाद जमीनी स्थिति से जुड़े सवाल पर रमेश ने कहा कि इस चुनाव में बीजेपी के पक्ष में कोई लहर नहीं, सिर्फ ‘निवर्तमान प्रधानमंत्री का जहर’ रहा है।उनके मुताबिक 20 साल बाद इतिहास फिर दोहराएगा जाएगा और विपक्षी गठबंधन को ‘स्पष्ट एवं निर्णायक’ जनादेश मिलेगा।
रमेश ने कहा, ‘‘ मैं संख्या के बारे में बात नहीं करना चाहता, लेकिन सिर्फ इतना कह रहा हूं कि हमें निर्णायक बहुमत मिलेगा। 272 स्पष्ट बहुमत का आंकड़ा है लेकिन यह निर्णायक नहीं है। जब मैं निर्णायक जनादेश कहता हूं, तो मेरा मतलब 272 सीट से काफी ऊपर की संख्या है।’’
रमेश ने दावा किया कि कांग्रेस राजस्थान, कर्नाटक और तेलंगाना में ‘‘अच्छी बढ़त’’ हासिल करेगी और महाराष्ट्र में ‘‘फायदे’’ की स्थिति में होगी। उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस को फायदा होगा और भाजपा 2019 की अपनी 62 सीट से आगे नहीं जा पाएगी।
‘इंडिया’ गठबंधन की जीत की स्थिति में प्रधानमंत्री के चयन और नेतृत्व को लेकर कांग्रेस की दावेदारी से जुड़े सवाल पर रमेश ने कहा, ‘‘2004 में चुनाव नतीजे 13 मई को आए थे और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन का गठन 16 मई को हुआ था। मनमोहन सिंह का नाम 17 मई को सामने आया था…इस बार मुझे नहीं लगता कि (प्रधानमंत्री के चयन पर निर्णय लेने में) 48 घंटे भी लगेंगे।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘यह तर्कसंगत है कि जिस पार्टी को इस ‘‘जनबंधन’’ में सबसे अधिक सीट मिलेंगी वह नेतृत्व के लिए स्वाभाविक दावेदार होगी।’’ उनका कहना है कि इस चुनाव में भाजपा का हिंदू-मुस्लिम का एजेंडा नहीं चला है।
जयराम रमेश ने कहा, ‘‘हम अपनी आर्थिक नीति जिम्मेदाराना तरीके से बनाएंगे। हमारी आर्थिक नीति में भय और आशंका पैदा करने की कोई गुंजाइश नहीं है। कर की दरों को नहीं बढ़ाया जाएगा।’’ उन्होंने दावा किया कि मनमोहन सिंह के समय निजी निवेश जीडीपी का 32 प्रतिशत हुआ करता था, मोदी सरकार में यह 27 प्रतिशत हो गया है।
जयराम रमेश ने कहा, ‘‘हमारा यह कहना है कि निवेशकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यह राजनीतिक उथल-पुथल है।’’ उनका यह भी कहना था कि इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और राहुल गांधी ने संविधान की रक्षा को विमर्श का केंद्रबिंदु बनाने में कामयाबी हासिल की है।
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