न्यूज़ डेस्क
भारत सरकार की अब एक और चिंता बढ़ती जा रही है। बड़ी चिंता रुसी सेना में भारतीय नागरिको की भर्ती और फिर उसकी मौत को लेकर हो रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, लगभग 200 भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना में भर्ती हो चुके हैं।
रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती का मामला गंभीर चिंता का विषय है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर उचित ध्यान दिया है और इसे सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, जागरूकता अभियान, राजनयिक वार्ता, और कानूनी उपायों के माध्यम से इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।
सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि भारतीय नागरिक किसी भी विदेशी सेना में बिना अनुमति के भर्ती न हों और उनकी सुरक्षा और कल्याण सुरक्षित रहें।
भारत ने कहा कि रूसी सेना में काम करने वाले भारतीय नागरिकों का मुद्दा अत्यधिक चिंता का विषय है। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने इस पर मॉस्को से कार्रवाई की मांग की है। बीते हफ्ता विदेश मंत्रालय ने बताया था कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में रूसी सेना में कार्यरत दो और भारतीय नागरिकों की मौत हो गई थी।
इस प्रकार से अब तक रूसी सेना में कार्यरत चार भारतीय अपनी जान गंवा चुके है। दो भारतीयों की मौत के बाद भारत ने रूसी सेना से भारतीय नागरिकों की भर्ती नहीं करने का आग्रह किया था। मंत्रालय ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और संबंधित पक्षों से संपर्क किया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार अब तक 200 भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में सुरक्षा सहायक के तौर पर भर्ती किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत ने रूसी सेना द्वारा भर्ती किए गए भारतीयों की जल्द रिहाई मांग की है। इसके अलावा उनकी स्वदेश वापसी के लिए मामला उठाया है।
जायसवाल ने कहा कि भर्ती पर सत्यापित रोक लगाने की भी मांग की है। किसी विदेशी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती के कानूनी और नैतिक सवाल उठते हैं। भारतीय कानून के तहत, किसी भी विदेशी सेना में सेवा करना बिना अनुमति के गैरकानूनी है।