अखिलेश अखिल
विपक्षी गठबंधन इंडिया की तीसरी बैठक शरद पवार और उद्धव ठाकरे की अगुवाई में मुंबई में होने जा रही है। यह बैठक विपक्षी लिए काही अहम् है। 31 अगस्त और 1 सितम्बर को विपक्षी दाल आपस में मिलाकर अब आगे की रणनीति तैयार करेंगे। सीटों का बंटवारा कैसे हो ताकि एक व्यक्ति एक सीट का फॉर्मूला लागू हो सके। इसके साथ ही इस गठबंधन का एक साझा कार्यक्रम भी तैयार होगा। इंडिया को आगे बढ़ाने और सबको एक साथ रखने के लिए 11 लोगों की एक समिति भी बनेगी। एक संयोजक भी बनेगा और एक चेयरपर्सन भी। ये सभी बातें ऑफिस को आगे चलाने के लिए हैं। कहा जा रहा है कि दिल्ली में इंडिया का एक दफ्तर भी रखा जाएगा जहाँ से इस गठबंधन से जुड़ी पार्टियों को हर तरह की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
अब यूपी ,बंगाल ,बिहार और महाराष्ट्र पर इंडिया का ज्यादा फोकस है। इन चार राज्यों में इंडिया का ज्यादा फोकस है। इन्ही राज्यों से इंडिया को ज्यादा उम्मीद भी है। बिहार की रणनीति यह है कि कि बीजेपी को ज्यादा से ज्यादा पांच सीटों पर ला दिया जाए। इसी तरह बंगाल में बीजेपी को चार से पांच सीटों पर समेत देने की रणनीति बनाई जा रही है। यूपी में बीजेपी को 30 से 35 सीटों पर पर समेटने की तैयारी है और बंगाल ,इ बीजेपी को साफ़ करने की बात चल रही है। कहा जा रहा है कि मुंबई की बैठक के बाद हर राज्यों की अलग अलग बैठक होगी और उन बैठकों में अब 11 कार्यकारिणी के लोग और संयोजक अधिकतर फैसला लेंगे।
एक और रणनीति है।2024 में पहली बार समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। सीट बंटवारे में कांग्रेस का दावा 2009 वाला है। 2009 में कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत मिली थी। हालांकि, कांग्रेस इसके बाद 2 से ज्यादा सीटों पर कभी नहीं जीत पाई। 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने रायबरेली सीट पर जीत हासिल की थी, जबकि अमेठी, कानपुर और फतेहपुर सीकरी में दूसरे नंबर पर रही थी। यानी कुल 4 सीटों पर कांग्रेस का बीजेपी से सीधा मुकाबला हुआ था। 2019 में सीतापुर सीट से दूसरे नंबर पर रहने वाले बीएसपी के नकुल दुबे भी कांग्रेस में आ चुके हैं। इस हिसाब से 5 सीटों पर कांग्रेस के पास मजबूत उम्मीदवार हैं। कांग्रेस की नजर गाजियाबाद, बिजनौर, जालौन और कुशीनगर सीट पर भी है।
जानकारी के मुताबिक़ सपा कांग्रेस को 10-12 सीटें दे सकती हैं। इनमें अमेठी, रायबरेली और वाराणसी की सीट भी शामिल हैं। पश्चिमी यूपी की पार्टी आरएलडी को समझौते के तहत 5 सीटें मिल सकती है। कहा जा रहा है कि सपा ,कांग्रेस और आरएलडी मिलकर 50 ज्यादा सीट जितने की रणनीति पर काम कर रही है। सितम्बर महीने से अब इसकी रणनीति भी बनेगी और और एक सीट पर एक उम्मीदवार खड़ा करने की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि अगर दलों के समर्थक इस खेल पर एक हो गए और सभी के वोट बैंक एक दूसरे के समर्थन में कन्वर्ट कर गए तो फिर बीजेपी की मुश्किल बढ़ जाएगी।

