विकास कुमार
सनातन धर्म को लेकर तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान से शुरू हुआ विवाद अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। स्टालिन के बाद दो और नेताओं ने सनातन धर्म पर आपत्तिजनक बयान दिए हैं। डीएमके सांसद ए राजा ने सनातन की तुलना एचआईवी से की है,वहीं अब आरजेडी नेता जगदानंद सिंह ने तिलक लगाने वालों को देश को गुलाम बनाने वाला बताया है। विवाद के बावजूद जगदानंद सिंह अपने बयान पर कायम हैं,जगदानंद सिंह ने कहा कि वे जय श्री राम के नारे का भी विरोध करते हैं
वहीं जगदानंद सिंह के बयान के बाद जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने इस मुद्दे पर अपनी पार्टी का स्टैंड क्लियर किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर धर्म और आस्था का सम्मान करते हैं। चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार सभी धर्म के लोगों को साथ लेकर चलने की सोच रखते हैं।
मुंबई में इंडिया की तीसरी बैठक के खत्म होने के बाद से ही किसी ना किसी तरह से सनातन धर्म के खिलाफ चारों तरफ से विवादित बयान दिए जा रहे हैं। लेकिन इंडिया गठबंधन के नेताओं को हिंदुओं की भावना को भड़काने से पहले हजार बार सोच लेना चाहिए,क्योंकि नरेंद्र मोदी को हर बार तुष्टीकरण की राजनीति के खिलाफ बंपर वोट मिलता रहा है। अगर इसी तरह के विवादित बयान विपक्षी दलों की तरफ से आते रहे तो बीजेपी के हिंदुत्व की राजनीति को औऱ भी ताकत मिलेगी। शायद ऐसी गलती कर विपक्षी दल अपने लिए ही गड्ढा खोद रहे हैं।