न्यूज़ डेस्क
भारत और चीन की सीमा पर आज भी सबकुछ ठीक नहीं है। दोनों देशो की सेनाएं तैनात है और पूरी तरह से चौकस भी। दोनों देशो के बीच बातचीत भी बंद हैं और व्यापार में भी कमी आयी है। बीच अमेरिकी ख़ुफ़िया की एक रिपोर्ट ने दावा किया है कि एलएसी पर भारत-चीन के बीच सैन्य विस्तार से जंग का खतरा बढ़ रहा है। अमेरिकी इन्टेलिजेन्स कम्युनिटी की एनुअल थ्रेट एसेसमेंट की रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन द्वारा एलएसी के विवादित हिस्से पर बढ़ती सैन्य गतिविधियों से दोनों परमाणु देशों के बीच सशस्त्र टकराव का खतरा बढ़ रहा है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा होने से अमेरिकी नागरिकों और हितों के लिए सीधा खतरा पैदा हो सकता है। ऐसे में इस मामले में अमेरिकी हस्तक्षेप ज़रूरी हो जाता है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन के बीच रिश्ते साल 2020 में हुई गंभीर झड़प के मद्देनजर तनावपूर्ण रहेंगे, और यह माहौल भारत और चीन द्वारा द्विपक्षीय सीमा वार्ता में जुटे रहने और सीमा विवाद को हल करने की कोशिशों के बावजूद बना रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के बीच पिछली झड़पों ने इस बात को साबित किया है कि एलएसी पर जारी तनाव बेहद तेजी से बढ़ सकता है।
बता दें कि एलएसी पर चीन के साथ जारी सैन्य गतिरोध के बीच रक्षा मामलों से जुड़ी खुफिया एजेंसियों ने हाल ही में अपनी टुकड़ियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी, ताकि इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि जवान चीनी मोबाइल फोनों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। एडवाइजरी में कहा गया था कि टुकड़ियों और यूनिटों को अपने जवानों को अलग-अलग तरीकों से संवेदनशील बनाना होगा, ताकि वे ऐसे (चीन-निर्मित) मोबाइल फोन के इस्तेमाल में सावधानी बरतें। खबरों के मुताबिक, एडवाइजरी इसलिए जारी की गई, क्योंकि ऐसे मामले सामने आए, जिनमें एजेंसियों ने कथित रूप से चीनी मूल के मोबाइल फोनों में मैलवेयर और स्पाईवेयर पाए थे।
एडवाइजरी में संलग्न सूची में उल्लिखित फोनों के बजाय अन्य फोनों की तरफ बदलाव करने के लिए कहा गया। भारत में बाजारों में मौजूद चीनी मोबाइल फोनों श्याओमी, वन प्लस, ऑनर, रियल मी, वीवो, ऑपो, ज़ेडटीई, जियोनी, आसुस और इनफिनिक्स शामिल हैं।

- Advertisement -