अखिलेश अखिल
इस लोकसभा चुनाव में बड़ी संख्या में दागी सांसद संसद पहुंचे हैं। इन दागियों में इंडिया ब्लॉक के भी 6 सांसद हैं। इसके साथ ही एक अन्य सांसद भी हैं जिनपर कई आपराधिक मुक़दमे चल रहे हैं। अगर इन सांसदों को दो वर्ष की सजा मिल गई तो इनकी सांसदी जा सकती है।
बता दें कि गाजीपुर सीट से जीतने वाले अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में पहले ही चार साल की सजा सुनाई जा चुकी है। पिछले महीने इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी और इससे उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई। इस मामले की सुनवाई जुलाई में होनी है।अगर अदालत ने अंसारी की सजा बरकरार रखी तो उनकी लोकसभा सदस्यता जा सकती है।
आजमगढ़ सीट से जीतने वाले धर्मेंद्र यादव के खिलाफ भी चार मामले लंबित हैं, अगर उन्हें दो साल की सजा होती है तो उनकी सदस्यता भी जा सकती है। धर्मेंद्र यादव अखिलेश यादव के चचेरे भाई हैं।
इसी तरह जौनपुर सीट से जीते बाबू सिंह कुशवाहा पर एनआरएचएम घोटाले से जुड़े कई मामले चल रहे हैं। यह घोटाला उस समय का है जब वह मायावती सरकार में मंत्री हुआ करते थे। उनके खिलाफ 25 मामले दर्ज है, जिसमें से आठ में आरोप तय हो चुके हैं।
सुल्तानपुर सीट से भाजपा की मेनका गांधी को हराकर जीतने वाले राम भुआल निषाद पर आठ मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक मामला गैंगस्टर एक्ट के तहत भी है। वे 2024 के लोकसभा चुनाव के ‘कमजोर’ विजेताओं में भी शामिल हैं।
चंदौली लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री महेंद्र नाथ पांडे को हराने वाले वीरेंद्र सिंह पर भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। सपा के यह नेता अगर दोषी पाए गए तो यह उनके लिए बुरी खबर हो सकती है।
वहीं सहारनपुर सीट से कांग्रेस के इमरान मसूद के खिलाफ भी आठ मामले दर्ज हैं। इनमें से एक मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है, जिसे ईडी ने दर्ज किया है। वहीं दो मामलों में उनके खिलाफ आरोप तय हो चुके हैं।
नगीना आरक्षित सीट से जीतने वाले आजाद समाज पार्टी के उम्मीदवार चंद्रशेखर आजाद पर 30 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। अगर उन्हें किसी एक मामले में दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो यह उनके राजनीतिक करियर के लिए बुरा होगा।