बीरेंद्र कुमार झा
बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार मंगलवार को इंडिया गठबंधन की देर शाम चली बैठक में उस समय अपना आपा खो बैठे,जब द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के नेता टीआर बालू ने उनके हिंदी भाषणों का अनुवाद करने के लिए कहा।प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार नीतीश कुमार जब बैठक को संबोधित कर रहे थे, तो डीएमके सुप्रीमो एमके स्टालिन और टीआर बालू भी वहां मौजूद थे।
हिंदी में संबोधित कर रहे थे नीतीश कुमार
इस रिपोर्ट के मुताबिक नीतीश कुमार बैठक को हिंदी में संबोधित कर रहे थे। उनकी बातों को समझने में असमर्थ टीआर बालू ने दूसरी तरफ बैठे राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद मनोज झा से पूछा कि क्या वे नीतीश कुमार के भाषण का अनुवाद कर सकते हैं। जैसे ही मनोज झा ने नीतीश कुमार से इस बात की अनुमति मांगी, नीतीश कुमार भड़क गए और कहा हम अपने देश को हिंदुस्तान कहते हैं और हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमें यह भाषा आनी चाहिए। इसके बाद नीतीश कुमार ने मनोज झा से कहा कि वह उनके भाषण का अनुवाद नहीं करें। गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे और चुनावी रैलियां के लिए रणनीति बनाने के लिए इंडिया गठबंधन की यह बैठक बुलाई गई थी।
नीतीश की नाराजगी की अटकलें
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गठबंधन की बैठक खत्म होने के तुरत बाद निकल गए। वह बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग में भी मौजूद नहीं थे। सूत्रों का कहना है वह ममता बनर्जी के कांग्रेस अध्यक्ष को सीट बंटवारे के लिए समिति गठित कर उसका संयोजक बनने के प्रस्ताव से वे खासे नाराज थे।यही वजह थी जब नीतीश कुमार को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगा। ऐसे में यह बात कहां से आ रही है। साथ ही इसी समय भाषणों के अनुवाद की मांग उठने पर उन्होंने अपना गुस्सा भी उतार लिया।