हाई कोर्ट ने 3 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की वैधता के मामले की सुनवाई करते हुए अपना निर्णय को सुरक्षित रख लिया था।आज जब इसका फैसला आने की घोषणा हुई तो सभी राजनीतिक दलों की निगाहें इस पर टिकी थी। राजनीतिक दृष्टिकोण की बात करें तो बीजेपी और आप दोनो ही राजनीतिक दल अपने पक्ष में दौसला आने पर आगामी लोकसभा चुनाव इसे अपने लिए एक चुनावी अस्त्र के रूप में कर सकते हैं। फिलहाल हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर अपना फ़ैसला दे दिया है।हाई कोर्ट ने अपने फैसला में अरविंद केजरीवाल की याचिका को खारिज कर दिया।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विशेष अधिकार नहीं
दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी को भी कोई विशेष अधिकार नहीं दिया जा सकता है। न्यायाधीश कानून से बंधे हैं,राजनीति से नहीं।निर्णय कानूनी सिद्धांतों के आधार पर लिखे जाते हैं ना कि राजनीतिक संबद्धताओं के आधार पर।
कोर्ट ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया
दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि ईडी ने अरविंद केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। ईडी के पास पर्याप्त सामग्री थी, जिसके कारण उन्हें केजरीवाल को गिरफ्तार करना पड़ा।केजरीवाल के जांच में शामिल न होने और उनके द्वारा की गई देरी का असर न्यायिक हिरासत में बंद लोगों पर भी पड़ा।
अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के समय पर उठाया था सवाल
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र निष्पक्ष चुनाव और समान अवसर सहित संविधान की बुनियादी संरचना का उल्लंघन है। इधर ईडी ने इस याचिका का विरोध किया और दलील दी कि केजरीवाल चुनाव के आधार पर गिरफ्तारी से छुटकारा प्राप्त नहीं कर सकते, क्योंकि कानून उन पर और किसी भी आम नागरिकों पर समान रूप से लागू होता है।
आम आदमी पार्टी कर सकती है सुप्रीम कोर्ट का रुख
हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद आम आदमी पार्टी का मानना है कि वह इस फैसले से संतुष्ट नहीं है और वह इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेगा। गौरतलाब है की हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद आम आदमी के प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस घटना को चुनी हुई सरकार को नेस्तनाबूद करने की सुरभिसंधि है।इसमें गवाह ने शुरू में कहीं केजरीवाल का नाम नहीं लिया था और न ही ईडी को एक चवन्नी भी इस मामले में मिला है।बाद में केंद्र सरकार ने ईडी पर दवाब बनाया और फिर ईडी ने गवाह पर दवाब बनाकर अरविंद केजरीवाल का झूठा नाम इस मामले में जोड़ा है।
ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को किया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि ईडी ने आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। ईडी की हिरासत अवधि समाप्त होने पर निचली अदालत में पेश किए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को 1 अप्रैल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और उसके क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और धन-शोधन से संबंधित है।यह नीति रद्द की जा चुकी है।