न्यूज डेस्क
वाराणासी के ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर गुरुवार को एक बड़ा खुलासा हुआ। हिंदू पक्ष के लोगों ने दावा किया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट से कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक विवादित मस्जिद के नीचे एक बड़े मंदिर के अवशेष मिले हैं। एएसआई की 839 पन्नों वाली सर्वे रिपोर्ट की कॉपी गुरुवार की देर शाम कोर्ट द्वारा संबंधित पक्षों को उपलब्ध करा दी गईं।
#WATCH वाराणसी, उत्तर प्रदेश: हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ज्ञानवापी मामले पर जानकारी दे रहे हैं।
विष्णु शंकर जैन ने कहा, “ASI ने कहा है कि मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था। यह ASI का निर्णायक निष्कर्ष है…” pic.twitter.com/yu4LTKHkBY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 25, 2024
हिंदू पक्ष के वकील का दावा: मस्जिद की दीवार पर रुद्र और जनार्दन के चिन्ह मिले
ASI सर्वे रिपोर्ट के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा किया कि मौजूदा ढांचे से पहले मंदिर था। ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार मंदिर का अवशेष है। पिलर भी मंदिर के थे जिन्हे दोबारा इस्तेमाल किया गया है। मंदिर के अवशेष देवनागरी, ग्रंथा तेलगु आदि के मिले हैं, रुद्र और जनार्दन आदि देवता के चिह्न मिले हैं।
एएसआई रिपोर्ट के कुछ हिस्से एडवोकेट विष्णु शंकर जैन के माध्यम से प्राप्त हुए। pic.twitter.com/pMRplLfHFt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 25, 2024
32 ऐसी जगह जो मंदिर होने के संकेत: जैन
जैन ने दावा किया, ‘मस्जिद में एक जगह लिखा है महामुक्ति मंडप, ये साफ संकेत हैं, 32 ऐसी जगह हैं जो मंदिर की थीं। ज्ञानवापी परिसर में खंभे हिन्दू मंदिर के हैं। एक पिलर में 1669 उसको दोबारा से इस्तेमाल किया गया। तहखाना में मंदिर के साक्ष्य मिले हैं, पश्चिमी दीवार हिंदू मंदिर का ढांचा है। औरंगजेब के आदेश पर मंदिर तोड़ा गया। हिंदू मंदिर के अवशेष को कथित मस्जिद बनाने में इस्तेमाल किया गया।
साक्ष्य मिटाने के लिए आकृतियों को किया गया विकृत: जैन
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा किया कि एएसआई ने कहा है कि मस्जिद के विस्तार और सहन के निर्माण के लिए मौजूदा ढांचे में इस्तेमाल किए गए स्तंभों और प्लास्टर का व्यवस्थित और वैज्ञानिक रूप से अध्ययन किया गया था। स्तंभों और प्लास्टर सहित पहले से मौजूद मंदिरों के हिस्सों को थोड़े से संशोधनों के साथ पुन: उपयोग किया गया था। खंभे और प्लास्टर वे मूल रूप से पहले से मौजूद हिंदू मंदिर का हिस्सा थे। मौजूदा संरचना में उनके पुन: उपयोग के लिए, कमल पदक के दोनों ओर खुदी हुई व्याला आकृतियों को विकृत कर दिया गया था और कोनों से पत्थर हटाने के बाद, उस स्थान को पुष्प डिजाइन के साथ सजाया गया था।
सर्वे में हिंदू देवी देवताओं की खंडित मूर्तिया मिली: जैन
जैन ने दावा किया कि ज्ञानवापी में हुए एएसआई सर्वे में हिंदू देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां मिली हैं। 839 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट में स्वास्तिक और नाग देवता के निशान मिलने की बात सामने आई है। ढांचे से पहले मंदिर होने की बात भी है। एएसआई ने कहा है कि मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था। यह एएसआई का निर्णायक निष्कर्ष है।