न्यूज़ डेस्क
दिल्ली में आयोजित जी 20 की बैठक 9 और 10 सितम्बर को होने जा रही है। इसकी तैयार पूरी कर ली गई है। सात तारीख से ही दिल्ली के कई इलाकों को सील कर दिया जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन सात टैकः को ही दिल्ली में पहुँच रहे हैं। उनकी सुरक्षा से जुडी कई टीम दिल्ली पहुँच चुकी है। बड़े स्तर पर अमेरिकी कमांडों भी तैनात किये गए हैं।
लेकिन इस बैठक में दुनिया भर के काम विकसित देशों की नजर भारत पर टिकी है। काम विकसित और विकासशील देशों को लग रहा है कि दिल्ली की इस बैठक में भारत उनकी आवाज को उठा सकता है और भारत भी चाहता है कि ऐसे देशों की आवाज भारत को उठाना चाहिए।
दो दिनों के गहन विचार-विमर्श के बाद, जी20 शिखर सम्मेलन नई दिल्ली घोषणा के साथ समाप्त होगा, इसमें जलवायु परिवर्तन और जलवायु वित्त, गरीबी उन्मूलन में बहुपक्षीय विकास बैंकों की भूमिका, टिकाऊ विकास पर प्रगति, विकास लक्ष्य, तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचा और सबसे महत्वपूर्ण रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष के सामाजिक-आर्थिक परिणामजैसे मुख्य एजेंडा आइटम की रूपरेखा तैयार करने की उम्मीद है।
भारत ने खुद को ग्लोबल साउथ(कम विकसित देशों) की आवाज़ के रूप में स्थापित किया है। भारत ने ऐसे देशों के हितों की वकालत करने के लिए जी20 की अध्यक्षता के मंच का उपयोग किया है।जनवरी में हुए वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि “दुनिया संकट की स्थिति में है” और विकासशील देशों के नेताओं से कहा था कि “आपकी आवाज़ भारत की आवाज़ है” और “आपकी प्राथमिकताएं भारत की प्राथमिकताएं हैं। ”
उन्होंने कहा था, भारत ने हमेशा अपने विकासात्मक अनुभव को ग्लोबल साउथ के हमारे भाइयों के साथ साझा किया है। जैसा कि भारत इस वर्ष अपनी जी20 अध्यक्षता शुरू कर रहा है, यह स्वाभाविक है कि हमारा उद्देश्य वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को बढ़ाना है।
भारत की जी20 की अध्यक्षता के लिए एक वाक्यांश, जो प्राचीन संस्कृत पाठ हितोपदेश से लिया गया है ‘वसुधैव कुटुंबकम’, या ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ है। सरकार ने अपनी विदेश नीति स्थापित करने के लिए लगातार इसका उपयोग किया है।
भारत का लक्ष्य जी20 के अध्यक्ष के रूप में मिले राजनयिक अवसर का अधिकतम उपयोग करना है और इसलिए लगभग सभी देशों ने आगामी जी20 शिखर सम्मेलन के लिए अपनी उपस्थिति की पुष्टि कर दी है। जी 20 समूह में वे देश शामिल हैं, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 80 प्रतिशत और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में 70 प्रतिशत से अधिक का योगदान करते हैं। जी20 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो सहित लगभग 25 विश्व नेताओं की उपस्थिति होगी। सूत्रों के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को छोड़कर लगभग सभी जी20 नेताओं ने नई दिल्ली जी20 शिखर सम्मेलन के लिए अपनी उपस्थिति की पुष्टि कर दी है।
बहुपक्षीय कार्यक्रम में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की उपस्थिति की अभी पुष्टि नहीं हुई है। 11 अगस्त को इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि सरकार ने सभी प्रतिभागियों को आमंत्रित किया है और उनकी भागीदारी के लिए उत्सुक है।