न्यूज़ डेस्क
संसद सुरक्षा की जिम्मेदारी आज से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी सीआईएसएफ के जवान संभालेंगे। सूत्रों के मुताबिक 1400 सीआरपीएफ कर्मचारियों की जगह 3,300 से ज्यादा सीआईएसएफ कर्मी सोमवार से संसद परिसर में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। सीआरपीएफ का पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप शुक्रवार को परिसर से अपने कमांडो, प्रशासनिक और परिचालन सामान हटा चुका है।
सोमवार सुबह छह बजे सीआईएसएफ संसद परिसर पहुंच गई है । सरकार ने पुराने और नए संसद भवनों के साथ संबंधित संरचनाओं की सुरक्षा के लिए 3,317 सीआइएसएफ कर्मियों को शामिल किया है। पिछले साल 13 दिसंबर को सुरक्षा चूक के बाद सरकार ने सीआरपीएफ को सुरक्षा का कार्यभार संभालने का निर्देश दिया था। बाद में यह जिम्मेदारी सीआइएसएफ को सौंपने का फैसला किया गया।
सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक सीआरपीएफ पीडीजी और दिल्ली पुलिस के जवान संसद की सुरक्षा करते थे। पीडीजी कर्मियों को अपना सर्वश्रेष्ठ देने के बावजूद यह जिम्मेदारी छोडऩी पड़ी। गौरतलब है कि दो युवकों ने 13 दिसंबर को लोकसभा की दर्शक दीर्घा से डेस्क पर कूदकर पूरे हॉल में रंगीन धुआं फैला दिया था। उनके साथियों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया था।
आरोपियों ने जांचकर्ताओं को बताया था कि उनका मकसद मणिपुर हिंसा, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करना था। इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
अब तक सीआइएसएफ के पास संसद परिसर में तलाशी और एंट्री व्यवस्था की देख-रेख की जिम्मेदारी थी। करीब दो लाख कर्मियों के साथ सीआइएसएफ देश में हवाई अड्डों, मेट्रो स्टेशनों और कम से कम 356 संवेदनशील प्रतिष्ठानों को सुरक्षा मुहैया कराता है। इनमें कोयला खदान, परमाणु और बिजली संयंत्र शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर में कई सरकारी प्रतिष्ठानों में भी सीआइएसएफ तैनात है। यह एकमात्र अर्धसैनिक बल है, जिसके पास अलग फायर यूनिट है। यूनिट में करीब 8,000 कर्मचारी हैं।