झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से पहले उनके ईडी ने दिल्ली स्थित उनके आवास से लग्जरी बीएमडब्ल्यू कार जप्त की थी। इसमें से भारी मात्रा में कैश भी बरामद हुआ था।इसी मामले में ईडी ने कांग्रेस के राजसभा सांसद धीरज साहू से शनिवार को करीब 11 घंटे तक पूछताछ की। पूछताछ पूरी नहीं हो पाने के कारण टीडी ने धीरज साहू को रविवार को भी दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया है।
न बीएमडब्ल्यू कार मेरी , न इससे बरामद कैश मेरा
ईडी कार्यालय से बाहर आने के बाद वहां हुई पूछताछ के विषय में पूछे जाने पर कांग्रेस सांसद धीरज साहू ने बताया कि यह लग्ज़री कार से जुड़ी पूछताछ थी।धीरज साहू ने बताया कि ज्यादा कुछ नहीं है,यह गाड़ी पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की नहीं है।यह और किसी की है। इस बारे में जांच जारी है।वही जब उनसे पूछा गया कि क्या यह कार उनकी है तो साहू ने कहा कि यह बात गलत है, झूठ है।
छापेमारी में भारी मात्रा में कैश की बरामदगी से चर्चा में आए थे धीरज साहू
कांग्रेस पार्टी के झारखंड से राज्यसभा सांसद धीरज साहू पिछले वर्ष दिसंबर में तब चर्चा में आए थे, जब आयकर विभाग ने ओड़ीसा स्थित बौद्ध डिक्शनरी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े परिसर पर छापामारी के दौरान 351.8 करोड रुपए जब्त किया था।यह कंपनी धीरज साहू के परिवार के द्वारा चलाई जाती है।सूत्रों के मुताबिक एक व्हाट्सएप ग्रुप प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में आ गया है, जिससे जुड़े कुछ लोगों ने दिल्ली में जप्त की गई बीएमडब्ल्यू कार के मालिकाना हक को लेकर चर्चा की थी।
भानुप्रताप से भी हुई पूछताछ
इस बीच ईडी द्वारा हेमंत सोरेन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक अन्य आरोपी भानु प्रताप प्रसाद को शनिवार को राजंजी के बार्गेन सर्कल में पूर्व मुख्यमंत्री से जुड़ी हुई जमीन पर ले जाया गया ।भानु प्रताप राजस्व विभाग में उपनिरीक्षक के पद पर तैनात थे ।उन्हें भी ईडी ने इसी मामले में जांच को लेकर हिरासत में लिया है।
31 जनवरी को हुई थी पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी
हेमंत सोरेन को जमीन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने 31 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया था।इसपर हेमंत सोरेन ने पूछताछ के लिए अपने मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया।यहां पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल के हाथ अपना इस्तीफा सौंप दिया इसके बाद झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार में ही परिवहन मंत्री रहे जेएमएम उपाध्यक्ष चंपई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने।