न्यूज डेस्क
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का अधिवेशन चल रहा है इसी बीच आज तड़के सुकमा के जगरगुंडा आश्रम पारा के पास सर्च अभियान पर निकले डिस्ट्रिक्ट रिजर्व पुलिस और घात लगाए नक्सलियों के बीच भारी मुठभेड़ की खबर है। दोनो तरफ से लंबे समय तक गोलियां चलती रही। इसमें तीन सुरक्षाकर्मी के शहीद होने की खबर मिली है। खबर के मुताबिक कुछ नक्सली भी घायल हुए है। बाद में सभी नक्सली जंगल में भाग गए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार जगरगुंडा क्षेत्र के नए स्थापित कुंदेड़ कैम्प से एरिया डोमिनेशन पर पार्टी निकली थी। तभी कैंप से दो किलोमीटर दूर आश्रमपारा के पास आज सुबह आठ बजे नक्सलियों ने घात लगाकर जवानों पर हमला कर दिया। शहीदों में एएसआई रामूराम नाग, सहायक कांस्टेबल कुंजम जोगा और सैनिक वंजम भीमा शामिल हैं। हमले में दो जवान घायल भी हुए हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुकमा जिले में नक्सली हमले में तीन जवानों की शहादत पर दुख व्यक्त किया है। सीएम ने ट्विटर पर लिखा, “बस्तर के सुकमा जिले के जगरगुंडा में नक्सली मुठभेड़ के दौरान हमारे 3 वीर जवानों की शहादत का समाचार दुखद है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति और परिवारजनों को हिम्मत दे। इस दुख में हम सब साथ हैं। उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।”
सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि सुबह करीब साढ़े नौ बजे मुठभेड़ थमी। बैकअप पार्टी को घटनास्थल की ओर भेजा गया है। पूरे इलाके की तलाशी की जा रही है। उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह जगरगुंडा थाना से डीआरजी के दल को गश्त के लिए रवाना किया गया था। दल जब सुबह नौ बजे जगरगुंडा और कुंदेड़ गांव के बीच में था तभी नक्सलियों ने पुलिस दल पर हमला कर दिया। इस हमले में एक सहायक उपनिरीक्षक समेत तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में अधिक जानकारी जुटाई जा रही है। क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है।
बता दें कि इससे पहले 8 फरवरी 2023 को भी छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा सीमा पर मुठभेड़ हो गई थी। वहां करीब 40 मिनट तक दोनों तरफ से फायरिंग चली थी। जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली वहां से भाग निकले थे।
गौरतलब है कि हालाकि नक्सल गतिविधियां पहले से काफी कम हुई है लेकिन पश्चिम बंगाल से लेकर झारखंड और छत्तीसगढ़ में अभी भी नक्सलियों का गिरोह जिंदा है ।बड़ी संख्या में नक्सली छत्तीसगढ़ के अबूझमार जंगल में रहते है और आए दिन पुलिस पर हमला करने से बाज नहीं आते ।
हालांकि केंद्र से लेकर राज्य सरकार नक्सलियों के खिलाफ कई ऑपरेशन चलाती है लेकिन इनका सफाया अभी तक संभव नहीं हो पाया है ।नक्सलवाद आज भी देश के सामने बड़ी चुनौती बनी हुई है