चुनाव आयोग ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर और हरियाणा के लिए चुनाव की घोषणा कर दी है।मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि जम्मू कश्मीर के चुनाव में मतदान 18 सितंबर,25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में होगा, जबकि हरियाणा के चुनाव में मतदान 1 अक्टूबर को एक ही चरण में संपन्न कराए जायेंगे।चुनाव परिणाम दोनो ही राज्यों में 4 अक्टूबर को मतगणना के पश्चात जारी किए जाएंगे। हालांकि जम्मू – कश्मीर और हरियाणा के साथ ही महाराष्ट्र और झारखंड में भी चुनाव कराए जाने की अटकलें लगाई जा रही थी,लेकिन फिलहाल चुनाव आयोग ने सिर्फ जम्मू – कश्मीर और हरियाणा में ही चुनाव कराने की घोषणा की है।
जम्मू और कश्मीर में 2014 ईसवी में हुए चुनाव के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव होगा। 2014 ईस्वी में राज्य में 87 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। इसे 28 सीटें प्राप्त हुई थी, जबकि दूसरे स्थान पर रहने वाली बीजेपी को 25 सीटों पर जीत मिली थी। नेशनल कांफ्रेंस ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थी।चुनाव परिणाम में किसी भी दल को बहुमत के लिए जरूरी 44 सीट के जादुई आंकड़े नहीं रहने के कारण पहले और दूसरे नंबर पर रही पार्टियां पीडीपी और बीजेपी ने मुफ्ती मोहम्मद सईद की अगुवाई में गठबंधन वाली सरकार बनाई थी। मुक्सी मोहम्मद सईद की मृत्यु के बाद उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती ने सरकार की कमान संभाली, लेकिन दोनों दलों का साथ अधिक लंबा नहीं चल सका था और 2018 के अंत तक दोनों दलों की राहें अलग हो गई और तब विशेष दर्जे के साथ पूर्ण राज्य रहे जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाना पड़ा था। सियासी दलों को मध्यावधि चुनाव की उम्मीद थी,लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पहले परिसीमन के नाम पर चुनाव को टाला गया और फिर अनुच्छेद 370 हटाए जाने और केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के कारण चुनाव नहीं हो सका।सुप्रीम कोर्ट ने पिछले ही साल चुनाव आयोग को निर्देश दिए दिया था कि जम्मू कश्मीर में सितंबर महीने तक चुनाव संपन्न कर लिए जाएं।
जम्मू कश्मीर में इस बार बदली हुई परिस्थितियों में चुनाव होंगे। एक तो जम्मू कश्मीर में शासन 6 वर्षों की जगह 5 वर्षों का ही होगा और दूसरा जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन और परिसीमन के बाद पहले जहां 87 सीटों के लिए चुनाव होते थे, वहीं अब परिसीमन के बाद सीटों की संख्या 114 पहुंच गई है ।इस परिसीमन के बाद जम्मू में 43, और कश्मीर में 47 सीटें होगी । पीओके के लिए 24 सीटों को भी मिला लें तो सीटों की संख्या 114 पहुंच जाती है। इस साल लद्दाख इस राज्य में शामिल नहीं होकर अलग से केंद्रशासित राज्य हैं। इस बार जम्मू कश्मीर में 16 सीटें एससी और एसटी के लिए सुरक्षित रखी गई है, जो पहले अनुच्छेद 370 के कारण नहीं हो पाती थी।
बात हरियाणा की करें तो यहां की 90 सीटों के लिए एक ही चरण में 1 अक्टूबर को मतदान होगा और चुनाव नतीजे 4 अक्टूबर को मतगणना के पश्चात आ जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि हरियाणा की 90 में से 73 सीटें सामान्य और 17 सीटें आरक्षित हैं। हरियाणा में 27 अगस्त को फाइनल वोटर लिस्ट जारी होगी। उन्होंने कहा हरियाणा में 2 करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि लोकसभा का चुनाव दुनिया में हमारी लोकतांत्रिक ताकत का प्रमाण है।