न्यूज़ डेस्क
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि गोवा स्थित खनिक राधा टिंब्लो के बेटे रोहन टिंब्लो के खिलाफ जब्ती आदेश जारी किया गया है और तटीय क्षेत्र में 36.80 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त की गई है। ईडी ने पेंडोरा पेपर लीक के आधार पर रोहन टिंबलो के खिलाफ जांच शुरू की। इसमें पता चला कि वह एक ऑफशोर फैमिली ट्रस्ट और इसकी तीन अंतर्निहित संस्थाओं का मालिक है। ये संस्थाएं अब इनलैंड रेवेन्यू अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर की जांच के दायरे में आ गई हैं। ईडी की जांच में पता चला कि एशियासिटी ट्रस्ट सिंगापुर पीटीई लिमिटेड ने कोलारेस ट्रस्ट को कॉर्पोरेट ट्रस्टी सेवाएं प्रदान कीं, इनमें से रोहन टिंबलो एकमात्र सेटलर थे और उनकी पत्नी मल्लिका और उनके बच्चों के साथ लाभार्थियों में से एक थे।
कोलारेस ट्रस्ट की तीन अंतर्निहित कॉर्पोरेट संस्थाएं थीं- कैलहेटा होल्डिंग्स लिमिटेड, समोआ; कैज़र फाइनेंस एस.ए., बीवीआई; और कोरिलस एसेट्स इंक, पनामा। ईडी के एक अधिकारी ने कहा, “वर्ष 2012 में कोलारेस ट्रस्ट के प्रशासन के तहत उपलब्ध पूंजी निधि 4,499,620 डॉलर थी। यह राशि रोहन टिम्बलो द्वारा भारतीय अधिकारियों के समक्ष घोषित नहीं की गई थी। इसलिए, भारत के बाहर विदेशी मुद्रा प्राप्त करके, उन्होंने 4,499,620 डाॅॅॅलर (लगभग 37,34,68,460 रुपये ) की राशि के लिए फेमा की धारा 4 के प्रावधानों का उल्लंघन किया। इसके परिणामस्वरूप, आरोपी की अचल संपत्ति जब्त कर ली गई है।
अब थोड़ी जानकारी पैंडोरा पेपर्स के बारे में। पैंडोरा पेपर्स असल में 1.2 करोड़ दस्तावेजों के लीक का नाम है। 2021 में इनके जरिए दुनिया के कई रईस और ताकतवर लोगों की छिपी हुई दौलत सामने आई है। कुछ मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग की जानकारी भी मिली है। 117 देशों के 600 से ज्यादा पत्रकारों ने महीनों तक 14 सोर्सेज से आए दस्तावेज खंगाले। यह डेटा वॉशिंगटन डीसी स्थित इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स को मिला था। दुनियाभर के 140 से ज्यादा मीडिया संस्थानों के साथ मिलकर इतनी बड़ी ग्लोबल इन्वेस्टिगेशन आज भी कर रहा है।
पैंडोरा पेपर्स लीक में 64 लाख दस्तावेज हैं, करीब 30 लाख तस्वीरें हैं, 10 लाख से ज्यादा ईमेल्स हैं और करीब 5 लाख स्प्रेडशीट्स हैं। अभी तक सामने आए तथ्यों में कई नामी हस्तियों से जुड़े खुलासे हुए हैं। लीक फाइलों के जरिए 90 देशों के 330 से ज्यादा राजनेताओं के सीक्रेट ऑफशोर कंपनियों के जरिए संपत्ति छिपाने की बात सामने आई है। जॉर्डन के सुल्तान के अमेरिका और यूके में गुप्त रूप रूस प्रॉपर्टीज खरीदने का पता चला है। अजरबैजान में सत्ताधारी परिवार ने यूके में 400 मिलियन पौंड से ज्यादा की प्रॉपर्टी डील्स कर रखी हैं। चेक प्राइम मिनिस्टर ने भी ऑफशोर इनवेस्टमेंट्स की जानकारी नहीं दी। केन्याई राष्ट्रपति के परिवार ने भी दशकों तक ऑफशोर कंपनियों का मालिकाना हक अपने पास रखा।
जारी दस्तावेजों में 300 भारतीयों के नाम हैं। इनमें अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के अनिल अंबानी, पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर, बायकॉन की किरन मजूमदार शॉ और भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी की बहन शामिल हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कई भारतीयों ने 2016 में पनामा पेपर्स लीक के बाद अपनी सपंत्तियों को इधर-उधर किया।
पेंडोरा पेपर लीक पर ईडी की बड़ी कार्रवाई, गोवा के खनिक टिंब्लो की 37 करोड़ की संपत्ति जब्त !
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