न्यूज डेस्क
मणिपुर सरकार द्वारा एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्यों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई । सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने के खिलाफ एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की याचिका पर मणिपुर सरकार से जवाब मांगा है। इसके साथ ही जिन सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है उनकी गिरफ्तारी को लेकर अंतरिम राहत दी है।
आपको बता दें, आईजीआई ने मणिपुर सरकार द्वारा दर्ज एफआईआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। ईजीआई ने अपने सदस्यों के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर रद्द कराने की मांग की है।
गौरतलब है, पिछले कई महीनों से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में हिंसा और तनाव के हालात पर रिपोर्टिंग को लेकर मणिपुर सरकार ने ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करवाई है। जिन सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी वो हालिया जातीय संघर्ष की मीडिया रिपोर्टों को देखने के लिए मणिपुर गए थे। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि ईजीआई की टीम द्वारा पेश की गई रिपोर्ट “झूठी, मनगढ़ंत और प्रायोजित” है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा था कि, मणिपुर सरकार ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्यों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की है। दरअसल उनके अनुसार ये मणिपुर राज्य में और अधिक झड़पें पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
एफआईआर में कहा गया है कि ईजीआई की मणिपुर रिपोर्ट में चुराचांदपुर जिले में एक जलती हुई इमारत की तस्वीर के लिए “कुकी हाउस” के रूप में कैप्शन दिया गया है। जबकि, इमारत वन विभाग का एक कार्यालय था जिसमें 3 मई को एक भीड़ ने आग लगा दी थी। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने शनिवार 2 सितंबर को जारी मणिपुर रिपोर्ट में कहा था कि इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि जातीय संघर्ष के दौरान राज्य का नेतृत्व पक्षपातपूर्ण हो गया। रिपोर्ट में अपने निष्कर्ष सारांश में राज्य के नेतृत्व पर कई टिप्पणियों के बीच कहा गया है, इसे जातीय संघर्ष में पक्ष लेने से बचना चाहिए था, लेकिन यह एक लोकतांत्रिक सरकार के रूप में अपना कर्तव्य निभाने में विफल रही, इसे पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करना चाहिए था।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि राज्य की सरकार लोकतांत्रिक चुनी हुई सरकार के रूप में अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर पाई है। हालांकि, मामला सामने आने के बाद ईजीआई ने रविवार को एक्स पर एक पोस्ट में अपनी मणिपुर रिपोर्ट में गलती को स्वीकार किया और कहा कि इसमें “सुधार किया जा रहा है और एक अद्यतन मणिपुर रिपोर्ट जल्द ही अपलोड की जाएगी।” ईजीआई ने लिखा, “… हमें फोटो संपादन में हुई त्रुटि के लिए खेद है।”
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के पत्रकारों की नहीं होगी गिरफ्तारी ,मणिपुर सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस
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