अखिलेश अखिल
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के पुत्र और सूबे के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन पर प्रहार करके देश में एक नया बवाल खड़ा कर दिया है। इस्ला असर इंडिया गठबंधन पर क्या होगा यह तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा क्योंकि बीजेपी के लिए यह बड़ा मुद्दा है। बीजेपी धर्म के नाम पर ही राजनीति करती रही है। ऐसे में डीएमके नेता द्वारा सनातन धर्म पर हमला बीजेपी की राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए काफी है। वह इसमें कई और ट्विस्ट जोड़ सकती है और कैसे देश को कैसे गुमराह करना है इसकी जानकारी उसे बखूबी है।
धर्म पूरी तरह से से आस्था का विषय है। इसमें कोई टोकाटोकी नहीं होती। यह विश्वास .इसकी अपनी मान्यताएं है और इसके अपने खेल भी। लेकिन यह भी साफ़ है कि धर्म इंसान को कमजोर बी बनाते हैं और रूढ़िवादी भी। कोई भी देश तब तक आगे नहीं बढ़ सकता जबतक वह विज्ञानं के पथ पर आगे नहीं बढ़ता है। विज्ञानं ही मानव समाज को वह सब देता आ रहा है जो जीने ,रहने ,और एक दूसरे की भावना को समझने के लिए जरुरी है। लेकिन फिर भी धार्मिक आदतों को कोई कैसे छोड़ सकता है ?
यह भी सच है कि पूर्व में धर्म के नाम पर ही समाज में काफी अन्याय हुए हैं। धर्म के नाम पर नैतिकता और अनैतिकता के परिभाषा गधे गए। ईश्वर की उपासना कौन कर सकता है और कौन नहीं यह सब धर्म के नाम पर ही तो बांटे गए। इसी धर्म के नाम पर ही जातियां पैदा की गई और उनके संस्कार बांटे गए। लेकिन आखिर यह सब किया किसने ? जब ईश्वर ने केवल मानव और जिव जंतु को ही पैदा किया तो फिर ये जातियां और धार्मिक खेल कहाँ से आ गए ? इस सवाल का जावब आज तक किसी के पास नहीं है। केवल सबके अपने तर्क है लेकिन किसी भी तर्क में वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं।
अब इस बीच तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर एक बयान दिया है। उन्होंने ‘सनातन’ धर्म को डेंगू और मलेरिया की तरह मिटा देने जैसी बातें कही थी। उन्होंने कहा कि वह अपनी बातों पर कायम हैं। विवादित बयान के बाद बीजेपी सहित कई लोगों ने सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी बड़ी संख्या में यूजर्स उदयनिधि को खूब खरीखोटी सुना रहे है। अपनी बात पर कायम रहने के बाद उनके खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा है। उनके इस बयान के बाद चेन्नई से दिल्ली तक सियासी बवाल मचा हुआ है।
तमिलनाडु सरकार के युवा मंत्री उदयनिधि स्टालिन चेन्नई में तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स आर्टिस्ट्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए। ‘सनातन का उन्मूलन’ थीम पर आधारित कार्यक्रम में शामिल होकर उन्होंने ऑर्गेनाइजर की तारीफ की। उन्होंने कहा कि आयोजक को सम्मेलन का नाम ‘सनातन विरोधी सम्मेलन’ के बजाय ‘सनातन उन्मूलन सम्मेलन’ रखा है, यह सराहनीय योग्य है।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदय ने कार्यक्रम ने कहाकि कुछ चीज़ों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही किया जा सकता है। खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते.. हमें इसे मिटाना होगा। ऐसे ही हमें सनातन को मिटाना है। सनातन का विरोध करने के बजाय इसका खात्मा करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि सनातन नाम संस्कृत से लिया गया है। यह सोशल जस्टिस और बराबरी का खिलाफ है। एमके स्टालिन के बेटे ने ‘सनातन’ पर कही अपनी बात वापस लेने से इनकार कर दिया है।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आगे कहा कि तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू से जोड़ा है। वह सनातन धर्म का पालन करने वाली भारत की 80 फीसदी आबादी के नरसंहार के लिए आह्वान कर रहे हैं। डीएमके विपक्षी गठबंधन की एक प्रमुख सदस्य और कांग्रेस की दीर्घकालिक सहयोगी है।


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