बीरेंद्र कुमार झा
इसरो का सूरज मिशन आदित्य एल1 आज पहली बार अपनी कक्षा बदलने वाला है। इसके लिए 11:45 पर अर्थ बाउंड फायरिंग की जाएगी।। 2 सितंबर को पीएसएलवी सी 57 के जरिए आदित्य एल1 मिशन को लांच किया गया था। 63 मिनट 19 सेकंड के बाद इसे पृथ्वी की 235 *19500 किलोमीटर की कक्षा में छोड़ दिया गया था। 16 दिन पृथ्वी का चक्कर लगाने के बाद यह सूर्य की ओर रवाना होगा।4 महीने के सफर के बाद आदित्य एल1 पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लैंग्रेज पॉइंट तक ³जाकर हर इसी बिंदु से यह सूरज का अध्ययन करेगा।
अब पृथ्वी की दूसरी कक्षा में स्थापित होगा आदित्य एल 1
इसरो ने जानकारी दी है कि आदित्य एल 1ने अपने लिए ऊर्जा जनरेट करना शुरू कर दिया है।अब अर्थ बाउंड मैनूवर्स की मदद से थ्रस्टर में फायर किया जाएगा।इससे आदित्य एल1 पृथ्वी की दूसरी कक्षा में स्थापित हो जाएगा।16 दिनों तक यह पृथ्वी के ही चारों ओर चक्कर लगाएगी और उसके बाद इसका 110 दोनों का लंबा सफर शुरू हो जाएगा। लैंग्रेज 1 पॉइंट पर पहुंचने के बाद आदित्य L1 में फिर फायर किया जाएगा जिससे यह हेलो ऑर्बिट में स्थापित हो जाएगा।
16 दिन में पांच बार बदलेगा कक्षा
आदित्य एल1 16 दिनों में पांच बार पृथ्वी की कक्षा बदलेगा। इसके बाद थ्रस्टर फायर किए जाएंगे और यह पॉइंट एल1 की तरफ छलांग लगा देगा।गौरतलब है कि L1 पॉइंट ऐसी जगह है ,जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बैलेंस हो जाता है और आसानी से किसी ऑब्जेक्ट को यहां स्थापित किया जा सकता है। यहां सूर्य ग्रहण का प्रभाव भी नहीं पड़ता है। ऐसे में यहां से आसानी से लगातार सूर्य पर नजर रखी जा सकती है।इसरो के मुताबिक 6 जनवरी 2024 को यह L1 पॉइंट पर पहुंच जाएगा।
आदित्य मिशन में लगे हैं 7 पे लोड
आदित्य एल 1, 7 पे लोड के साथ सूर्य की ओरï रवाना हुआ है। इसमें एक PPA यानि प्लाज्मा एनालिसिस पैकेज फॉर आदित्य लगा हुआ है, जो कि सोलर विंड्स का अध्ययन करेगा। इसके अलावा VELC सूर्य की तस्वीर भेजेगा।SUIT सूर्य की अल्ट्रावायलेट वेवलेंथ की फोटो लेगा।HEL 10 S की मदद से हाई एनर्जी एक्स रे की स्टडी होगी। ASPEX यानी आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट मां से अल्फा पार्टिकल्स की स्टडी की जाएगी और MAG के जरिए चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन किया जाएगा।