आज 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर, की 100वीं जयंती है।इस अवसर पर बिहार के तमाम बड़े राजनीतिक दल अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कर कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धा सुमन अर्पित कर राजनीतिक लाभ लेने में जुट गए हैं।
पीएम मोदी ने कर्पूरी ठाकुर के बेटे को सपरिवार आमंत्रित किया
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद उनके बेटे और जेडीयू सांसद रामनाथ ठाकुर से फोन पर बात की है। पीएम मोदी ने रामनाथ ठाकुर को सपरिवार पीएम आवास आने का न्योता दिया है।गौरतलब। है कि पीएम मोदी ने कल शाम कर्पूरी ठाकुर को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की घोषणा की थी।
पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित है जेडीयू की रैली
कर्पूरी ठाकुर के 100वीं जयंती के अवसर पर सबकी नजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के कार्यक्रम पर टिकी हुई है। जेडीयू की इस रैली में पार्टी ने 2 लाख से ज्यादा लोगों के राज्य भर से आने का दावा किया है, जिसमें अति पिछड़ों की संख्या सबसे ज्यादा है। संभावना जताई जा रही है कि नीतीश कुमार इस कार्यक्रम में महागठबंधन और बीजेपी को लेकर जेडीयू के रूख और आगे की रणनीति को साफ कर सकते हैं। जेडीयू की रैली में पार्टी के विधायक गोपाल मंडल ने राम मंदिर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित बयान दिया है जो पार्टी के स्टैंड से अलग है।इस पर जब प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने विधायक गोपाल मंडल को टोका तो उन्होंने उल्टे प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को ही हड़का दिया और कहने लगे कि वह 5 हजार लोग लेकर आए हैं, उन्हें बोलने से कौन रोक सकता है।
श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित है आरजेडी का कार्यक्रम
राष्ट्रीय जनता दल ने जेडीयू के कार्यक्रम से अलग पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में कर्पूरी जयंती कार्यक्रम रखा है। कार्यक्रम का उद्घाटन पार्टी के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने किया।कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत सरकार में शामिल आरजेडी के मंत्री भी शामिल हुए। तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार में महागठबंधन सरकार की जातीय गणना के कारण केंद्र सरकार को दबाव में कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देना पड़ा।तेजस्वी यादव ने कहा कि भारत रत्न देने की घोषणा लोकसभा चुनाव से पहले हुई या नहीं ,इससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि हमारी मांग पूरी हो गई।
बीजेपी वीरचंद पथ पर कर रही है कर्पूरी जन्म सदी कार्यक्रम
इधर भारतीय जनता पार्टी भी पटना में कर्पूरी ठाकुर जन्म सदी पर समारोह आयोजित कर रही है। बीजेपी ने पार्टी दफ्तर के बाहर वीरचंद पटेल पथ पर ही कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला लिया है।पहले आयोजन मिलर स्कूल ग्राउंड में होना था, लेकिन उसे जेडीयू ने कर्पूरी जयंती पर रैली के लिए आ रहे लोगों के ठहरने के लिए एक दिन पहले बुक कर लिया था। इस मसले पर जेडीयू और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चला।
कौन हैं कर्पूरी ठाकुर जिन्हें भारत रत्न देने की घोषणा हुई
कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को समस्तीपुर के पितौझिया गांव में हुआ था ,जिसे अब कर्पूरी ग्राम कहा जाता है। पढ़ाई के दौरान ही इन्होंने महात्मा गांधी के आह्वान पर अंग्रेजों भारत छोड़ो कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी।तब इन्हें जेल भी जाना पड़ा था। भारत के स्वतंत्र होने पर इन्होंने कुछ दिन तक अपने गांव में शिक्षक का काम भी किया था। 1952 में ये बिहार विधानसभा के सदस्य बने और इस दौरान में उपमुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री रहे।कर्पूरी ठाकुर को बिहार में जननायक के रूप में जाना जाता था।लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में देश में इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा लगाए गए इमरजेंसी के विरोध में चले छात्र आंदोलन जिसे भारतीय स्वतंत्रता का द्वितीय संग्राम के रूप में जाना था में इन्हें लोकनायक जयप्रकाश नारायण का दाहिना हाथ माना जाता था। इमरजेंसी हटाने के बाद बिहार में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद ये बिहार के मुख्यमंत्री बने।इनका कार्यकाल दो सत्र में था।पहला सत्र दिसंबर 1970 से जून 1971 तक का था और दूसरा सत्र जून 1977 से अप्रैल 1979 तक का था।मुख्यमंत्री रहते हुए इन्होनें पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया। उन्होने बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगाया था उनका जीवन लोगों के लिया आदर्श से कम नहीं।