Homeदेशचुनावी बांड को लेकर कांग्रेस का सरकार पर तंज ,कहा की बीजेपी...

चुनावी बांड को लेकर कांग्रेस का सरकार पर तंज ,कहा की बीजेपी कोई अध्यादेश तो नहीं लाएगी ?

Published on

अखिलेश अखिल
चुनावी बांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज जो फैसला दिया है इसको लेकर देश की राजनीति गर्म हो गई है। अदालत के इस फैसले का जहां कई राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है वही कांग्रेस ने कोर्ट के फैसले को लेकर बीजेपी और केंद्र सरकार पर बड़ा हमला किया है। कांग्रेस ने कहा है कि क्या बीजेपी अदालत के इसे फैसले का स्वागत करती है या फिर फैसला के खिलाफ कोई अध्यादेश लाने वाली है ?

राजनीतिक दलों को चंदा कैसे मिलेगा, इसको लेकर इलेक्टोरल बॉन्ड योजना शुरू की गई थी। उस चुनावी बॉन्‍ड योजना को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत की तरफ से यह फैसला सुनाया गया।

कांग्रेस ने दावा किया कि 2017 में चुनावी बॉन्ड को लाए जाने का सबसे पहले विरोध किया गया था। संसद के भीतर और बाहर भी कांग्रेस पार्टी इस योजना का विरोध करती रही। कांग्रेस की तरफ से पार्टी के 2019 के घोषणापत्र का जिक्र किया गया और लिखा गया कि इस योजना को खत्म करने का तब ही हम इरादा रखते थे। कांग्रेस की तरफ से दावा किया गया है कि यह योजना कुछ और नहीं बल्कि बीजेपी के द्वारा खजाना भरने के लिए एक योजना थी।

 पवन खेड़ा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना कुछ और नहीं, बल्कि बीजेपी द्वारा अपना खज़ाऩा भरने के लिए बनाई गई एक ‘काला-धन-सफ़ेद-करो योजना’ थी।पवन खेड़ा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज उन्हीं भावनाओं को दोहराया जो मैंने और मेरे सहयोगियों ने, ऑन रिकॉर्ड बार-बार व्यक्त की हैं।

पहला यह योजना असंवैधानिक है, ऐसा उपाय जो मतदाताओं से यह छुपाता है कि राजनीतिक दलों को कैसे मालामाल बनाता है, लोकतंत्र में उचित नहीं ठहराया जा सकता है। इस प्रकार, यह सीधे तौर पर संविधान के अनुच्छेद 19(1) (ए) का उल्लंघन करता है।

दूसरा, सरकार का यह दावा कि उसने काले धन पर अंकुश लगाया, बिल्कुल बेबुनियाद और निराधार था। दरअसल, आरटीआई के प्रावधानों के बिना इस योजना को लागू करके वह कालेधन को सफेद करने को बढ़ावा दे रही थी। तीसरा, वित्तीय व्यवस्था राजनीतिक दलों के बीच पारस्परिक आदान-प्रदान का कारण बन सकती हैं।

उन्होंने मोदी सरकार और तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली का जिक्र करते हुए कहा कि आरबीआई, चुनाव आयोग, भारत की संसद, विपक्ष और भारत के लोगों के विरोध को कुचलते हुए चुनावी बॉन्ड पेश करने के असंवैधानिक फैसले का बार-बार बचाव किया गया।

बता दें कि इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की केंद्र सरकार की तरफ से 2017 में घोषणा की गई थी। जिसे सरकार ने 29 जनवरी 2018 को लागू कर दिया था। यह इलेक्टोरल बॉन्ड राजनीतिक दलों को चंदा देने का एक वित्तीय जरिया है। जिसके जरिए कोई भी आदमी अपने पसंदीदा राजनीतिक दल को गुमनाम तरीके से चंदा दे सकता है।

Latest articles

भारत बनेगा UNSC का स्थायी सदस्य! मुस्लिम देश ने भी जताई बड़ी सहमति

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग को लेकर भारत को एक बड़ी...

सैटेलाइट टोल 1 मई से लागू नहीं होगा, सरकार ने दी सफाई

देशभर में टोल प्रणाली को लेकर जारी अफवाहों पर केंद्र सरकार ने स्थिति स्पष्ट...

राष्ट्रपति केवल नाममात्र का मुखिया’, उप राष्ट्रपति धनखड़ के बयान पर कपिल सिब्बल ने दी प्रतिक्रिया

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के न्यायालय पर दिए एक बयान पर वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा...

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बोले- “राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकती अदालत

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर अपनी...

More like this

भारत बनेगा UNSC का स्थायी सदस्य! मुस्लिम देश ने भी जताई बड़ी सहमति

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग को लेकर भारत को एक बड़ी...

सैटेलाइट टोल 1 मई से लागू नहीं होगा, सरकार ने दी सफाई

देशभर में टोल प्रणाली को लेकर जारी अफवाहों पर केंद्र सरकार ने स्थिति स्पष्ट...

राष्ट्रपति केवल नाममात्र का मुखिया’, उप राष्ट्रपति धनखड़ के बयान पर कपिल सिब्बल ने दी प्रतिक्रिया

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के न्यायालय पर दिए एक बयान पर वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा...