बीरेंद्र कुमार झा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने फोन किया है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और कांग्रेस इन चुनावों की तैयारी में पूरी तरह से लगी हुई है।इस बीच लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर भी सभी दल अपनी अपनी तैयारी कर रही है।विपक्षी गठबंधन इंडिया को लेकर कहा जा सकता है कि पिछली बैठक के बाद गठबंधन की रफ्तार सुस्त पड़ी है।इसे लेकर इन दिनों सियासी बहस भी छिड़ी है और खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे लेकर खुले मंच से चिंता जाहिर की है,जिसके बाद से अब इंडिया गठबंधन और कांग्रेस की चर्चा तेज हो गई है।
जदयू नेता केसी त्यागी का बयान
प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फोन किया और इंडिया गठबंधन को लेकर बातचीत की। दरअसल इंडिया गठबंधन में भी कांग्रेस को लेकर एक गर्म मुद्दा छिड़ा हुआ है। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने शुक्रवार को एक निजी चैनल के साथ बातचीत में कहा था कि कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस की रणनीति में बदलाव हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के जनक हैं।अब से 1 साल पहले हिसार में एक जनसभा में उन्होंने घोषणा की थी कि कांग्रेस पार्टी को साथ लिए बगैर कोई निर्णायक गठबंधन नहीं बन सकता है। पटना में मुख्यमंत्री ने इसमें सफलता प्राप्त की। इस बैठक में कांग्रेस नेता के बगल में अरविंद केजरीवाल, दाएं तरफ ममता बनर्जी और बाई तरफ अखिलेश यादव बैठे थे तीसरे मोर्चे की संभावनाएं समाप्त हो गई थी। मुंबई के बाद लग रहा था की गतिविधियां तेज होगी लेकिन अफसोस है कि कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस की रणनीति और कार्य नीति में कुछ ठहराव आया है।पिछले कई महीनो से कोऑर्डिनेशन कमिटी की भी बैठक नहीं हुई है ।
आरजेडी सांसद मनोज झा का बयान
वहीं इस मामले में आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा की चिंता और दुख दो अलग-अलग शब्द है। चिंता को दुख मत बनाइए ।सबकी चिंता यह है कि जो विकल्प हम देश की जनता के सामने रखना चाहते हैं, उसमें देर नहीं हो। मुख्यमंत्री का नाम लिए बिना मनोज झा ने कहा उन्होंने दोनों चीजें कहीं है।कांग्रेस पांच राज्यों में चुनाव में व्यस्त हैं, उनकी चिंता इंडिया गठबंधन से लेकर अपनी पार्टी को वर्तमान 5 राज्यों को लेकर हो रहे चुनावों में बेहतर करने को लेकर है। उनकी चिंता को दुख में तब्दील नहीं किया जाए।
पटना की रैली में कांग्रेस को लेकर सीएम नीतीश कुमार का बयान
दरअसल पटना के मिलर हाई स्कूल के मैदान में बीते गुरुवार को सीपीआई हाय ओर से एक रैली आयोजित की गई ।बीजेपी के खिलाफ आयोजित इस रैली में मुख्यमंत्री भी शामिल हुए।उन्होंने जनसभा को संबोधित भी किया।उन्होंने अपने संबोधन में इंडिया गठबंधन की भी चर्चा की। उन्होंने विपक्षी दलों को एकजुट करने का उद्देश्य भी बताया था। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के इस रवैए को लेकर चिंता भी जाहिर की थी। अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने भी विपक्षी गठबंधन इंडिया की सक्रियता थमने के लिए इसके प्रमुख घटक कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया ।उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी फिलहाल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में व्यस्त है। विपक्षी मोर्चे को आगे बढ़ाने की उसे चिंता नहीं है।रैली में मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस खुद सभी विपक्षी दलों को बुलाएगी। इस दौरान मंच पर भाकपा महासचिव डी राजा जैसे वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का विरोध करने वाले दल नया गठबंधन बनाने के लिए एक साथ आए थे,पर हाल के दिनों में उस मोर्चे पर बहुत प्रगति नहीं हुई है। विधानसभा चुनाव के बाद इस पर फिर से चर्चा होगी।
कांग्रेस की तरफ से आया जवाब
दूसरी तरफ कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर कहा कि उन्होंने कोई खराब बात नहीं की है। उनके कहने का मतलब यही है कि सभी विपक्षी दल मिलकर बीजेपी को सत्ता से बाहर करें। पार्टी प्रवक्ता सैयद नासिर हुसैन ने कहा कि लोकसभा चुनाव से 6 महीने से पहले हो रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव महत्वपूर्ण है और कांग्रेस इसको गंभीरता से ले रही है। वहीं बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि भाकपा की रैली में उन्होंने नीतीश जी का भाषण सुना।उनकी उत्कंठा यह है कि जल्दी से जल्दी मोदी सरकार को हटाया जाए, लेकिन केंद्र की मौजूदा सरकार को समय से हटाया जाएगा,जब चुनाव होगा।उनके कहने का मतलब यह था कि अभी कांग्रेस चुनाव में व्यस्त है। चुनाव के बाद कांग्रेस सबको बुलाएगी