बीरेंद्र कुमार झा
सनातन धर्म मामले पर लगातार राजनीतिक बयान आ रहे हैं। यही वजह है कि कांग्रेस अब इस विवाद को लेकर सतर्क हो गई है। दरअसल डीएमके नेताओं की टिप्पणियों से बढ़ते विवाद के बीच कांग्रेस के कुछ नेताओं ने शनिवार को पार्टी से इस विषय पर सावधानी भरा रुख अपनाने की सलाह देते हुए बीजेपी के चाल में नहीं फंसने की अपील की है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कुछ नेताओं ने कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में कहा कि पार्टी को ऐसे मुद्दों से दूर रहना चाहिए।हमें इसमें नहीं फंसना चाहिए।
राहुल गांधी के विचार
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीडब्लूसी में शामिल नेताओं से कहा कि नेताओं को सनातन धर्म विवाद में पड़ने के बजाय गरीबों और उनके मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि वह पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक रहे हैं।उन्होंने कहा कि पार्टी को गरीबों के मुद्दे उठाने की जरूरत है चाहे वह किसी भी जाति का क्यों न हों।वही सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह दोनों ने कहा सनातन धर्म विवाद पर बोलने से पार्टी को नुकसान होगा। मामले में बयानबाजी से बीजेपी को लाभ पहुंच सकता है।कांग्रेस के ब्रीफिंग में इस विषय पर पूछे जाने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी असल मुद्दों से ध्यान भटकने का प्रयास कर रही है और कांग्रेस इस विवाद में नहीं पड़ेगी । उन्होंने कहा कि कांग्रेस सर्वधर्म समभाव में विश्वास करती है।
महिला आरक्षण और जातिगत जनगणना की पैरवी
कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलाइंस (INDIA )की पहल को वैचारिक और चुनावी सफलता दिलाने का शनिवार को संकल्प लिया। साथ ही उसने यह भी कहा कि कांग्रेस यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की राजनीति से मुक्त हो तथा लोगों को एक पारदर्शी जवाबदेह और जिम्मेदार केंद्र सरकार मिले।पार्टी ने सर्वोच्च नीति निर्धारण निकाय कांग्रेस कार्य समिति ने प्रस्ताव पारित करने के साथ ही शनिवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि 18 सितंबर से आरंभ हो रहे संसद के पांच दिवसीय सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराया जाए ।
जातिगत का जनगणना की मांग
कांग्रेस कार्य समिति में पारित प्रस्ताव में जाति का जनगणना की मांग भी उठाई गई है और कहा गया है कि अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण की मौजूदा अधिकतम सीमा को बढ़ाया जाए। हैदराबाद के फाइव स्टार होटल में सीडब्ल्यूसी की कई घंटे तक चली बैठक के बाद 14 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया ,जिसमें महंगाई बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, किसानों की समस्याओं के साथ- साथ सीमा विवाद, को अदानी समूह से जुड़े मामले तथा कई अन्य मुद्दों का उल्लेख किया गया। इस बैठक में कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों में सांप्रदायिक तनाव से जुड़ी हालिया घटनाओं का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि देश गंभीर आंतरिक चुनौतियों से घिरा है और भारतीय जनता पार्टी आग में घी डालने का काम कर रही है।
कौन-कौन पहुंचे सी डब्ल्यू सी की बैठक में
डब्ल्यूसी की इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी ,राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह तथा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए । सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी का ध्वज फहराया ।कार्य समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव में बीजेपी पर ध्रुवीकरण और विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि कांग्रेस कार्य समिति विपक्षी गठबंधन इंडिया की निरंतर एकजुटता का तहे दिल से स्वागत करती है,जिससे बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी बौखलाए हुए हैं।