हरियाणा की सियासत में गुरुवार 12 सितंबर को बड़ा उलटफेर हुआ। आईएनएलडी -बीएसपी गठबंधन में अब गोपाल कांडा की पार्टी हरियाणा लोकहित पार्टी भी शामिल हो गई है। अब तीनों पार्टियां मिलकर हरियाणा में चुनाव लड़ेंगी। इस बीच गठबंधन के बाद गोपाल कांडा ने बड़ा बयान दिया है।उन्होंने कहा कि मैं भगवामय हूं और आगे भी रहूंगा। बीजेपी से मेरा नाता टूटा नहीं है।
गोपाल कांडा ने दावा कि हरियाणा में एक बार से बीजेपी की सरकार आएगी, हमें जो भी सीटें आएंगी उससे हम बीजेपी को ही समर्थन करेंगे।उन्होंने कहा कि मेरे पिता जनसंघ से रहे हैं, इसलिए मैं बीजेपी से अलग नहीं हुआ हूं।वहीं सिरसा विधानसभा सीट को लेकर गोपाल कांडा ने कहा कि अगर बीजेपी ने कहा होता तो मैं अपनी सिरसा सीट छोड़ देता। बीजेपी को पता है इस पर जीतने वाला कैंडिडेट कौन है।
हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख ने कहा कि मेरी पार्टी आज भी एनडीए में है, किसी ने निकाला नहीं है।बीजेपी ने भी टिकट बंटवारे में हमारी राय कई सीटों पर मानी है।मैंने पहले दिन से कहा है कि बीजेपी को मेरा अनकंडीशनल सपोर्ट है। मैं काम के नाम पर जनता के बीच जाऊंगा।वहीं सरकार में मंत्री पद को लेकर उन्होंने कहा कि मैंने मंत्री पद कभी नहीं मांगा है। आपको जो काम कराना है ऐसे ही करा ल,तो कभी मंत्री पद की इच्छा नहीं रही। वहीं चौटाला परिवार पर गोपाल कांडा ने कहा कि अभय सिंह मेहनत कर रहे हैं।आईएनएलडी पार्टी अच्छा प्रदर्शन करेगी।
साल 2019 में गोपाल कांडा ने बिना किसी शर्त के बीजेपी और जेजेपी की गठबंधन सरकार को पूरे पांच साल तक समर्थन दिया।इसके बदले गोपाल कांडा ने इस बार बीजेपी से सिरसा और रानिया दो सीटें मांगी थीं। लेकिन, दोनों के बीच सीटों को लेकर बात नहीं बन पाई। बाद A हरियाणा लोकदल पार्टी प्रमुख गोपाल कांडा ने आईएनएलडी- बीएसपी गठबंधन के साथ हाथ मिला लिया।
इसके साथ ही गोपाल कांडा ने रानिया सीट से धवल कांडा को उम्मीदवार घोषित कर दिया और खुद सिरसा सीट से मैदान में उतर गए।वहीं आईएनएलडी- बीएसपी के बीच जुलाई में गठबंधन हुआ था। गठबंधन के तहत से आईएनएलडी- 53 सीटों और बीएसपी 37 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कह चुकी है।