न्यूज़ डेस्क
जानकारी के मुताबिक मणिपुर के सीएम के कफिले पर आज जो हमला हुआ है उसमे कुकी उग्रवादियों का हाथ है। सीएम बीरेन सिंह जिरीबाम के दौरे पर जाने वाले थे। सीएम के दौरे से पहले सुरक्षकर्मी एनएच 37 से गुजर रहे थे तभी घात लगाकर बैठे उग्रवादियों ने भारी हमला कार दिया। सुरक्षाकर्मी फिर तैनात हुए और दोनों तरफ से गोलिया चलने लगी। जानकरी के मुताबिक काफी समय तक दोनों तरफ से फायरिंग चलती रही। अभी भी उग्रवादियों की खोज की जा रही है और रह रह कर गोलियां चल रही है।
बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में चिन कुकी उग्रवादियों के खिलाफ शुरु की गई कार्रवाई के बाद उग्रवादी मणिपुर में घुसे हैं, इसके बाद से राज्य में हिंसा और उपद्रव का दौर शुरू हो गया है। 8 जून को उग्रवादियों ने मैतेई बाहुल्य जिरीबाम में 70 घरों में आग लगाई थी। इसके साथ ही दो पुलिस चौकी और एक फॉरेस्ट ऑफिस को भी फूंक दिया था। सुरक्षाबलों में इस हमले में उग्रवादी संगठन कुकी हमर जो का हाथ बताया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री का काफिला हिंसा प्रभावित जिरीबाम जिले की तरफ जा रहा था। मुख्यमंत्री वहां मौजूदा स्थिति का जायजा लेने जाने वाले थे। इससे एक दिन पहले ये खबर सामने आ गई। मणिपुर करीब एक साल से छिटपुट हिंसा की चपेट में है। मैतेई और कुकी समुदायों के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।
मणिपुर में मई 2023 में हिंसा भड़की थी। तब से लगातार गोलीबारी-हिंसा जैसी घटनाएं घट रही हैं। मैतेई-कुकी विवाद को अब तक पूरी तरह सुलझाया नहीं गया है। पिछले साल 3 मई को जातीय हिंसा के बाद राज्य में 200 से अधिक लोग मारे गए थे और हजारों लोग बेघर हो गए थे।
ये हिंसा तब भड़की थी जब मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किया गया था।