न्यूज़ डेस्क
यह बात और है कि चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वह भारत के खिलाफ लम्बे समय से दुश्मनी का खेल कर रहा है और विस्तारवादी नीतियों को आगे बढ़ा रहा है। हालांकि भारत भी चीन को हमेशा सीमा पर जवाब तो देता ही है लेकिन इस बार चीन ने नक्शा के जरिये जो खेल किया है उससे भारत को बहुत कुछ करने को मजबूर कर दिया है। हालिया चीनी नक़्शे को भारत ने तो इंकार कर ही दिया लेकिन भारत के समर्थन अब कई और देश भी चीन के इस खेल को मान्यता देने से इंकार कर दिया है। ये देश हैं फिलीपींस, मलयेशिया, वियतनाम और ताइवान। यहाँ की सरकारों ने भी चीन के नए नक्शे का विरोध किया है और गुरुवार को कड़े शब्दों में बयान जारी किए हैं ।इन देशों ने कहा है कि ड्रैगन को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना चाहिए।
बता दें कि भारत ने मंगलवार को चीन के तथाकथित “मानक मानचित्र” पर अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पर दावा करने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया और कहा कि इस तरह के कदम केवल सीमा प्रश्न के समाधान को जटिल बनाते हैं। विदेश मंत्रालय ने भी चीन के दावों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सिर्फ बेतुके दावे करने से दूसरे लोगों का क्षेत्र आपका नहीं हो जाता।
मलेशियाई सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह चीन मानक में उल्लिखित दक्षिण चीन सागर पर उसके दावों पर चीन को एक विरोध पत्र भेजेगी। मानचित्र संस्करण 2023 मलयेशिया के समुद्री क्षेत्रों को भी दर्शाया गया है। विदेश मंत्री डॉ. जाम्ब्री अब्दुल कादिर ने कहा कि यह कदम एक अनुवर्ती कदम है।मलेशियाई विदेश मंत्रालय ने कहा कि मलेशिया दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों को मान्यता नहीं देता है, जैसा कि “चीन मानक मानचित्र संस्करण 2023” में बताया गया है, जिसमें मलेशिया के समुद्री क्षेत्र भी शामिल हैं। एक बयान में कहा गया है कि मानचित्र का मलेशिया पर कोई बाध्यकारी अधिकार नहीं है।
उधर ,फिलीपींस सरकार ने भी चीन के तथाकथित नए मानचित्र के 2023 संस्करण की आलोचना की। विदेश मामलों के प्रवक्ता टेरेसिटा डाजा ने एक बयान में कहा कि 2016 के आर्बिट्रल अवार्ड ने पहले ही नौ-डैश्ड लाइन को अमान्य कर दिया है और चीन से यूएनसीएलओएस के तहत अपने दायित्वों का पालन करने का आह्वान किया है। बयान में कहा कि फिलीपींस, चीन से जिम्मेदारी से कार्य करने और यूएनसीएलओएस और अंतिम और बाध्यकारी 2016 मध्यस्थता पुरस्कार के तहत अपने दायित्वों का पालन करने का आह्वान करता है।
वियतनामी सरकार ने भी चीन की नए मैप को लेकर आलोचना की। वियतनामी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता फाम थू हैंग ने गुरुवार को चीन के किसी भी समुद्री दावे को दृढ़ता से खारिज कर दिया और वियतनाम ने होआंग सा (पैरासेल) और ट्रूओंग सा (स्प्रैटली) पर संप्रभुता पर अपने निरंतर रुख को दृढ़ता से दोहराया। इसके साथ ही ताइवान ने नए नक्शे को लेकर चीन के आलोचना करते हुए कहा कि ताइवान पर कभी भी पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना द्वारा शासन नहीं किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेफ लियू ने बताया कि ताइवान एक संप्रभु और स्वतंत्र देश है जो पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के अधीन नहीं है। पर शासन नहीं किया है। ये सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त तथ्य हैं।


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