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UPA से ज्यादा NDA सरकार में विपक्ष पर गिरी सीबीआई की गाज, 124 में 118 नेता विपक्ष से

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अंग्रेजी में यह लेख उपलब्ध

एनडीए की सरकार में बीते आठ साल में कम से कम 124 नेताओं पर सीबीआई ने कार्रवाई की है। इनमें से 118 नेता विपक्षी दलों से हैं। यह दावा इंडियन एक्सप्रेस की एक पड़ताल में सामने आयी है। यूपीए की सरकार में जहां 60 फीसदी मामले विपक्ष के नेताओं के खिलाफ थे, वहीं एनडीए सरकार में यह आंकड़ा 95 फीसदी तक जा पहुंचा है।

जब भी किसी विपक्षी नेता के घर छापा पड़ता है तो विपक्ष की ओर से ये आरोप लगाया जाता हैं कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की वजह से हमारे नेताओं पर छापे मारे जा रहे हैं. बता दे, एनडीए के दूसरे कार्यकाल में 1 मुख्यमंत्री और 12 पूर्व मुख्यमंत्री समेत 100 से ज्यादा नेता अब तक सीबीआई की रडार में आए हैं।

हालांकि यह बात जान कर किसी को कोई आश्चर्य नहीं होगा कि बीते 18 सालों में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही सरकार के शासनकाल में लगभग 200 प्रमुख नेताओं पर CBI ने मामला दर्ज किया, कुछ को गिरफ्तार किया वही कुछ के घर, लॉकर पर छापे भी मारे और पूछताछ करना तो CBI या ED के लिए आम बात हैं, इन मामलों में से 80 प्रतिशत से अधिक मामले तो विपक्ष के नेताओं से जुड़े हुए हैं।

UPA से ज्यादा NDA सरकार में CBI investigation…

वेबसाइट द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़ ऑफ कोर्ट रिकॉर्ड्स, आधिकारिक दस्तावेजों, इन एजेंसी के बयानों और रिपोर्टों की जांच से पता चलता है कि साल 2014 में एनडीए सरकार की सत्ता में आने के बाद ही CBI or ED के जांच की प्रथा काफी तेज हो गई है।

कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार के 10 सालों के कार्यकाल के दौरान 2004 से 2014 तक कम से कम 72 राजनीतिक नेता सीबीआई जांच के दायरे में आए हैं और उनमें से 43 नेता यानी 60 प्रतिशत नेता विपक्ष से जुड़े थे, वही बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए के कार्यकाल के इन 8 सालों में कम से कम 124 नेताओं को सीबीआई जांच का सामना करना पड़ा है और इन नेताओं की सूची में विपक्ष के 118 नेता शामिल हैं यानी इन संख्या में 95 प्रतिशत नेता विपक्षी ही हैं।

सीबीआई की जाल में एनडीए के कार्यकाल में 1 मुख्यमंत्री समेत 12 पूर्व मुख्यमंत्री, 10 मंत्री, 34 सांसद, 27 विधायकों के अलावा 10 पूर्व विधायक और 6 पूर्व सांसद फंसे हैं जबकि यूपीए सरकार में 4 पूर्व मुख्यमंत्रियों, 2 मंत्री, 13 सांसद, 15 विधायक, एक पूर्व विधायक और 3 पूर्व सांसद फंसे थे।

सरकार या पार्टी बदलते केस से बरी नेता-
इस दौरान जब कोई नेता सत्ताधारी पक्ष में शामिल हो जाए या सरकार ही बदल जाए तो उसके खिलाफ चल रहा सीबीआई का मामला रद्दी में डाल दिया जाता है, सीबीआई के जाल में यूपीए दौर के 72 और एनडीए के 124 नेताओं की पूरी सूची साइट indianexpress.com पर प्रकाशित की गई है।

हालांकि, indianexpress के इस रिपोर्ट का सीबीआई ने अब तक कोई भी किसी भी तरह की सफाई नहीं दि, लेकिन इन एजेंसी के एक अधिकारी ने इन सारे रिपोर्ट के संख्या को “महज एक संयोग” करार दिया और इस बात से सीधा इनकार किया कि छापेमारी के जरिए हमारा ऐसा कोई मतलब नहीं रहा की हम केवल विपक्षी नेताओं को ही निशाना बनाए।

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