विकास कुमार
जातीय गणना को लेकर बिहार सरकार और केंद्र सरकार में फिर से विवाद पैदा हो गया है। सुप्रीम कोर्ट में जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर दिया है। इस हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि जनगणना का अधिकार राज्यों के पास नहीं है। केंद्र सरकार की ये दलील सुनकर आरजेडी और जेडीयू के नेताओं ने बीजेपी पर हमला तेज कर दिया है। वैसे सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार ने दलील देते हुए कहा कि राज्य में सर्वे का काम पूरा हो चुका है। सारा डाटा भी ऑनलाइन अपलोड कर दिया गया है,इसलिए डाटा रिलीज करवाने की मांग बिहार सरकार ने की है।
वहीं बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बिहार में जातियों की गणना का काम किया जा रहा था। चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय का तर्क समझ से परे है। विजय चौधरी ने कहा कि बिहार में जो जातीय गणना का काम राज्य सरकार करवा रही है,उसे रोकने के लिए केंद्र सरकार ने इस तरह की रणनीति अपनाई है।
बिहार में जाति जनगणना के दम पर ही नीतीश कुमार और लालू यादव चुनाव लड़ने की रणनीति बना रहे हैं। अगर जाति जनगणना का काम बिहार में रूक गया तो उनकी ये रणनीति नाकाम हो जाएगी। हालांकि आरजेडी और जेडीयू इस मुद्दे के आधार पर बीजेपी को पिछड़ा विरोधी पार्टी करार देगी और ऐसे में बिहार के चुनाव में बीजेपी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।