Homeदेशमायावती के साथ प्रियंका गाँधी की मुलाकात ,क्या इंडिया संग आएंगी मायावती ?

मायावती के साथ प्रियंका गाँधी की मुलाकात ,क्या इंडिया संग आएंगी मायावती ?

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अखिलेश अखिल 

क्या मायावती पांच राज्यों के चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन के साथ आ सकती है ? हालांकि इस तरह के कयास तो लम्बे समय से लगाए जा रहे हैं लेकिन लखनऊ के साथ ही दिल्ली से जो कुछ खबरे सामने आ रही है उसके बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि बहुत जल्द ही बसपा की तरफ से कोई  सकता है। खबर के मुताबिक बसपा सुप्रीमो की मुलाकात लगातार कई बार प्रियंका गाँधी से हुई है। अभी पिछले महीने भी दोनों की लम्बी मुलाक़ात हुई। इस मुकलात में क्या बातें हुई है इसकी जानकारी तो सामने नहीं आयी है लेकिन राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा हो रही है कि कांग्रेस और बसपा   हो  मायावती पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद इंडिया के साथ आ सकती है।        
      बता दें कि  लोकसभा चुनाव जीतने के लिए इंडिया गठबंधन कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। बसपा को साथ लाने की कोशिशें उसकी इसी रणनीति का हिस्सा है। यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बसपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ था। तब यह बातचीत अपने मुकाम तक तो नहीं पहुंच सकी थी, लेकिन तब से दोनों के बीच संवाद बना हुआ है। राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक पिछले महीने कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच मुलाकात भी हो चुकी है। बसपा की ओर से अब नेतृत्व के पारिवारिक हो चुके एक पूर्व सांसद की भी इसमें अहम भूमिका बताई जा रही है।
                        यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले बसपा-कांग्रेस की गठबंधन की खिचड़ी पकने के बावजूद विघ्न आ गए थे। तब तय हुआ था कि विधानसभा की 125 सीटों पर कांग्रेस और शेष 278 सीटों पर बसपा लड़ेगी। खबरें लीक हुई और फिर सत्ता पक्ष की ओर से ऐसी परिस्थितियां पैदा कर दी गईं कि कदम पीछे खींचने पड़े। चुनाव के बाद राहुल गांधी ने सार्वजनिक रूप से कहा भी था कि हम बसपा को आगे रखकर यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, पर वह तैयार नहीं हुई। इस बार लोकसभा चुनाव के ऐन पहले ही आधिकारिक रूप से घोषणा करने की रणनीति है।
                          इस सारी कवायद में एक पहलू यह भी है कि क्या इंडिया में बसपा के आने से सपा सहज रहेगी। कांग्रेस नेतृत्व, यूपी में बसपा को साथ लाने में ज्यादा रुचि ले रहा है। इसकी वजह है कि बसपा के पास अभी भी अपना ठोस 10-12 फीसदी वोट बैंक है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का बागेश्वर  विधानसभा सीट को लेकर सपा के खिलाफ दिया गया बयान भी इसी कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि अजय राय ने यह बयान हाईकमान से इशारा मिलने के बाद ही दिया।

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